श्रीमद्भागवत महापुराण

श्रीमद्भागवत पुराण सनातन धर्म के महत्त्वपूर्ण और पवित्र ग्रंथों में से एक है, जिसे "भागवत महापुराण" भी कहा जाता है। यह महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में श्रेष्ठ माना जाता है और भक्ति योग का सर्वोच्च ग्रंथ है। इसमें भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों, विशेषकर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके जीवन का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। 12 स्कंधों और 18,000 श्लोकों में विभाजित, यह ग्रंथ सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार की प्रक्रिया, धर्म, मोक्ष, ज्ञान और भक्ति के महत्व को विस्तार से समझाता है। इसमें प्रह्लाद-हिरण्यकशिपु, ध्रुव, राजा परीक्षित और गजेंद्र मोक्ष जैसी प्रेरणादायक कथाएँ हैं, जो धर्म और भक्ति की ओर प्रेरित करती हैं। श्रीमद्भागवत पुराण जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करता है और यह सिखाता है कि कैसे भगवान के चरणों में समर्पण और भक्ति के माध्यम से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। इसका श्रवण और पाठ व्यक्ति के हृदय में शांति, आनंद और दिव्यता का संचार करता है।