श्रीमद्भागवत महापुराण
श्रीमद्भागवत पुराण सनातन धर्म के महत्त्वपूर्ण और पवित्र ग्रंथों में से एक है, जिसे "भागवत महापुराण" भी कहा जाता है। यह महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में श्रेष्ठ माना जाता है और भक्ति योग का सर्वोच्च ग्रंथ है। इसमें भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों, विशेषकर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके जीवन का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। 12 स्कंधों और 18,000 श्लोकों में विभाजित, यह ग्रंथ सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार की प्रक्रिया, धर्म, मोक्ष, ज्ञान और भक्ति के महत्व को विस्तार से समझाता है। इसमें प्रह्लाद-हिरण्यकशिपु, ध्रुव, राजा परीक्षित और गजेंद्र मोक्ष जैसी प्रेरणादायक कथाएँ हैं, जो धर्म और भक्ति की ओर प्रेरित करती हैं। श्रीमद्भागवत पुराण जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करता है और यह सिखाता है कि कैसे भगवान के चरणों में समर्पण और भक्ति के माध्यम से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। इसका श्रवण और पाठ व्यक्ति के हृदय में शांति, आनंद और दिव्यता का संचार करता है।
श्रीमद्भागवत पुराण।स्कंध 10। अध्याय 54।साथी राजाओं की रुक्मी की हार तथा श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 53। रुक्मिणी हरण।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 52।बलराम जी का विवाह,श्रीकृष्ण को पास रुक्मिणी का संदेश मिलना।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 51। काल्यवन का भष्म होना और मुचुकुंद की कथा।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 50। जरासंध से युद्ध और द्वारकापुरी का निर्माण।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 49। अक्रूर जी का हस्तिनापुर जाना।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 48। भगवान का कुब्जा और अक्रूर जी के घर जाना।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 47। उद्धव तथा गोपियों की बातचीत और भ्रमर गीत।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 46। उद्धव जी की व्रज यात्रा।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 45। श्री कृष्ण बलराम का यज्ञोपवीत और गुरुकुल प्रवेश।
चाणूर, मुष्टिक आदि पहलवानों का तथा कंस का उद्धार।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 43। कुवल्यापिड़ का उद्धार और अखाड़े में प्रवेश।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 42। कुब्जा पर कृपा, धनुष भंग और कंस की घबराहट
श्रीमदभागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 41। श्री कृष्ण जी का मथुरा जी में प्रवेश।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 40। अक्रूर जी के द्वारा भगवान श्री कृष्ण की स्तुति।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 39। श्री कृष्ण बलराम का मथुरा गमन।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 38। अक्रूर जी की ब्रज यात्रा।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10।अध्याय 37।केशी और व्योमासुरका उद्धार तथा नारदजीके द्वारा भगवानकी स्तुति
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 36।अरिष्टासुरका उद्धार और कंसका श्रीअक्रूर जी को व्रज में भेजना
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 35। युगल गीत।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 34। सुदर्शन और शंखचूड़ का उद्धार।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 33। महारास।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 32। भगवान का प्रकट होकर गोपियों को सांत्वना देना।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 31। गोपिका गीत।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 30। श्री कृष्ण के विरह में गोपियों की दशा।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 29। रासलीला का आरम्भ।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 28। वरुणलोक से नंद जी को छुड़ाकर लाना।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 27। श्री कृष्ण का अभिषेक।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10।अध्याय 26।नन्दबाबा और गोपों की श्रीकृष्ण के प्रभाव विषय में बातचीत।
श्रीमद्भागवत पुराण। स्कंध 10। अध्याय 25। गोवर्धन धारण।