शास्त्रज्ञान
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु करुण, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता तथा आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
धरती जहाँ आकाश से मिलती है!
सोने के लालच में हीरे गँवा बैठे? || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2025)
ऐसा नाम जपो जिसका कोई नाम नहीं || आचार्य प्रशांत (2023)
योग और ब्रह्मचर्य का असली अर्थ || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2025)
क्या जीवन सिर्फ़ दुःख सहने का नाम है? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता (2023)
दीपावली: आपके लिए प्रेम, प्रकाश और मेरी प्रार्थना || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2023)
भेद दिखे तो विकार, भेद मिटे तो ज्ञान || आचार्य प्रशांत, लाओत्सु पर (2023)
न आकाश में, न मंदिर में — वो आपके घट में है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2024)
आप और जगत — दोनों परस्पर आश्रित होकर शून्य हैं || आचार्य प्रशांत, शून्यता सप्तति पर (2024)
एकं पश्यति, स पश्यति — जिसने ‘एक’ देखा, वही देख पाया! || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
सुंदरता की असली परिभाषा क्या है? || आचार्य प्रशांत, लाओत्सु पर (2023)
ताकत नहीं, इश्क की कमी है || आचार्य प्रशांत, संत रूमी पर (2025)
सिर झुकाने से पहले सवाल उठाना सीखो—यही है असली अध्यात्म || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2025)
देवी ही बंधन हैं, देवी ही मुक्ति || आचार्य प्रशांत, दुर्गासप्तशती, तृतीय चरित्र (2023)
दुर्गा बनाम महिषासुर—यह लड़ाई आज भी चल रही है! || आचार्य प्रशांत, दुर्गासप्तशती द्वितीय चरित्र
माँ ही बंधन, माँ ही मोक्ष! || आचार्य प्रशांत, दुर्गा सप्तशती, प्रथम चरित्र (2023)
आत्मज्ञान बिना निष्कामता नहीं || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
तनाव का असली कारण: ‘मैं’ || आचार्य प्रशांत, लाओत्सु पर (2023)
न कहीं और, न कभी और, अभी के सिवा न कोई ठौर! || आचार्य प्रशांत, संत रूमी पर (2025)
कहाँ मिलेगा असली नयापन? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)
युध्यस्व प्रकृति से नहीं, अहंकार से! || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)
शिक्षक दिवस विशेष: शिष्य की हिंसा, गुरु की करुणा || आचार्य प्रशांत, कठ उपनिषद् पर (2023)
जहाँ अधिकार है, वहाँ प्रेम नहीं || आचार्य प्रशांत, लाओत्सु पर (2024)
कर्म हो रहा है, पर कर्ता कोई नहीं || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)
भविष्य की महानता नहीं, वर्तमान की क्षुद्रता देखो || आचार्य प्रशांत, लाओत्सु पर (2024)
बाहर गति रहे, भीतर ठहराव || आचार्य प्रशांत (2023)
न जन्म, न मृत्यु, न जीवन – केवल शून्यता || आचार्य प्रशांत, शून्यता सप्तति पर (2023)
भोग का परिणाम || आचार्य प्रशांत, कठ उपनिषद् पर (2024)
क्या आपकी चाहत वाकई आपकी है? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)
जिसका कोई नाम है वह अंतिम सत्य नहीं || आचार्य प्रशांत, लाओत्सु पर (2023)
जीवन ऐसा हो जैसे कमल के पत्ते पर बूँद || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)