पुलवामा आतंकी हमला? पुलवामा हमला?
Автор: RIGHT STORY
Загружено: 2025-11-03
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पुलवामा आतंकी हमला? पुलवामा हमला
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पुलवामा आतंकी हमला: देश को झकझोर देने वाली घटना
14 फरवरी 2019 — यह तारीख भारत के इतिहास में हमेशा दर्द और शौर्य की मिसाल बनकर दर्ज रहेगी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में भारत के वीर जवानों पर हुआ एक आत्मघाती आतंकी हमला पूरे देश को दहला गया। यह हमला भारतीय सुरक्षा बलों के इतिहास का सबसे भयावह हमला था, जिसमें सीआरपीएफ (केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल) के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए।
हमले की शुरुआत उस समय हुई जब सीआरपीएफ का एक काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था। इस काफिले में लगभग 78 बसें थीं, जिनमें 2500 से अधिक जवान सवार थे। दोपहर करीब 3:15 बजे पुलवामा के अवन्तीपोरा क्षेत्र के लठपोरा में एक कार अचानक जवानों की बस से टकराई। यह कार विस्फोटकों से भरी हुई थी — लगभग 300 किलोग्राम RDX विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। टक्कर के साथ ही भीषण धमाका हुआ, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया।
धमाके की आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। बस पूरी तरह से ध्वस्त हो गई और चारों ओर केवल धुआँ, आग और चीख-पुकार रह गई। बचाव दल तुरंत मौके पर पहुँचा, लेकिन दृश्य बेहद भयावह था — कई जवान वहीं शहीद हो चुके थे और कुछ गंभीर रूप से घायल थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार था, जो पुलवामा का ही निवासी था और कुछ महीनों पहले आतंकवादी संगठन से जुड़ा था।
हमले की खबर फैलते ही पूरे देश में शोक और गुस्से की लहर दौड़ गई। हर भारतीय का दिल अपने वीर जवानों के लिए रो पड़ा। देशभर में श्रद्धांजलि सभाएँ हुईं, और लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने शहीदों को नमन किया।
भारत सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी, क्योंकि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन शामिल था। कुछ ही दिनों बाद, भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के रूप में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 की सुबह पाकिस्तान के बालाकोट क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया। यह कार्रवाई भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीतिगत मजबूती का प्रतीक बनी।
पुलवामा हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं थी, बल्कि यह भारतीय सेना की शहादत, साहस और एकता की कहानी है। इस घटना ने देश को यह याद दिलाया कि हमारे जवान हर दिन हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाते हैं। इस हमले ने देश की जनता को एक सूत्र में बाँध दिया — हर भारतीय के मन में एक ही संकल्प था कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
आज भी जब पुलवामा हमले का नाम लिया जाता है, तो हर भारतीय की आँखें नम हो जाती हैं, लेकिन साथ ही सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। हमारे वीर जवानों की शहादत ने देश को एकजुट किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को और मजबूत बनाया। पुलवामा के शहीद हमेशा अमर रहेंगे।
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