DR MEENAL MATEGAONKAR SINGING BAGESHRI ANG CHANDRAKAUNS, KIRWANI &JOG KAUNS CURATED BY MIHIR THAKORE
Автор: MIHIR THAKORE-HINDUSTANI CLASSICAL MUSIC
Загружено: 2024-03-03
Просмотров: 3526
Описание:
ACCOMPANISTS-TABLA: ABHAYA DATAR
HARMONIUM: ANANT JOSHI
TANPURA: PRATIKSHA VASHISHTHA & MAAHI ZAVERI
AUDIO RECORDING & MIXING: AMOL MATEGAONKAR
VIDEO RECORDING & COLOUR GRADING: KANAN REDDY
VIDEO EDITING: AMOL MATEGAONKAR
RECORDED AT NADBRAHMA THANE
LYRICS:
राग बागेश्री अंग का चंद्रकौंस
ताल - एकताल विलंबित
तुम बिन नाही कोऊ या जग में उपकारी मो पर ।।
हूं तो अधम बहुबिध मूढमत । दुःख हरो सुघर ।।
ताल - तीन ताल
सखी नैनन नींद हैरानी । जब ते देखी सपने मुरत । तन मन सो खोरानी।।
इत उत जावत मन मोरा सजनी ।हेरत हेरत मन पछतानी । ना बीतत है सुघर रजनी ।।
राग किरवानी
ताल - रूपक
नंद नंदन मन मोहन । श्यामसुंदर मधुसूदन ।।
नील बदन ।नील बसन । नील मुकुट नील माल ।
श्यामसुंदर मधुसूदन ।।
ताल - तीनताल
अब तो भई भोर जागो मोरे लाल । आये महल ब्रज के नर नारी।
गावत गुन तुम्हरो गोपाल लाल ।।
सब ग्वाल बाल दरस को अधीर । देख मुखचंद्र नंद के लाल ।
गले हार तिलक लगावो भाल ।।
राग जोगकौन्स
ताल -एकताल द्रुत
पैंजनीया बाजे झनन झनन। कैसे आऊ तोरे पास ।।
बन ठन बनी निकसी मंदर । पियु बिन तरपत तन मन ।
सब सखियां करत गान । बनी के भाग जागे ।।
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