Lalita Kumari versus state of Uttar Pradesh when FIR is mandatory
Автор: lucky law
Загружено: 2025-11-27
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Описание: यह दस्तावेज़ भारतीय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष एक प्रमुख कानूनी संघर्ष को प्रस्तुत करता है, जिसका केंद्र बिंदु यह है कि संज्ञेय अपराध की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करना अनिवार्य है या नहीं। मुख्य प्रश्न यह है कि क्या दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 154 के तहत पुलिस को तत्काल FIR दर्ज करनी चाहिए, या उन्हें सूचना की सत्यता जांचने के लिए प्रारंभिक जांच करने का विवेक प्राप्त है। याचिकाकर्ता और कई राज्यों ने जोर दिया कि "shall" (करेगा) शब्द का उपयोग इंगित करता है कि कोई विवेक नहीं है और पंजीकरण अनिवार्य है। इसके विपरीत, अन्य राज्यों ने तर्क दिया कि FIR से पहले जांच आवश्यक है ताकि कानून के दुरुपयोग को रोका जा सके और अनुच्छेद 21 के तहत अभियुक्तों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके। बहस में, कोर्ट ने परस्पर विरोधी न्यायिक फैसलों, ऐतिहासिक दंड प्रक्रिया संहिताओं और सीबीआई मैनुअल जैसे विशेष नियमों पर भी विचार किया। इस संविधान पीठ का अंतिम उद्देश्य भारतीय आपराधिक प्रक्रिया कानून में इस अस्पष्टता को दूर करने और एक आधिकारिक निर्णय स्थापित करने के लिए एक आधिकारिक व्याख्या प्रदान करना है।
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