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"पितृ पक्ष कथा | पितरों का महत्व, श्राद्ध और तर्पण की पौराणिक कहानी | Pitru Paksha Katha in Hindi"

Автор: Gjannd

Загружено: 2025-09-11

Просмотров: 254

Описание: 🙏 पितृ पक्ष कथा 🙏
पितृ पक्ष वह विशेष समय है जब हम अपने पूर्वजों को याद करके उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। इस वीडियो में हम लेकर आए हैं पितृ पक्ष की पौराणिक कथा, जिसमें बताया गया है कि पितृ पक्ष क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है और कैसे श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

इस वीडियो में आप जानेंगे –
✔️ पितृ पक्ष का आरंभ और महत्व
✔️ युधिष्ठिर और व्यास जी की कथा
✔️ श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का महत्व
✔️ पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

📌 इस वीडियो को अंत तक देखें और पितरों की कृपा प्राप्त करें।
📌 वीडियो अच्छा लगे तो लाइक 👍, शेयर 📲 और सब्सक्राइब 🔔 करना न भूलें।पितृ पक्ष कथा (Pitru Paksha Katha) एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक कथा है, जो श्राद्ध पक्ष के दौरान सुनाई और मानी जाती है। पितृ पक्ष 16 दिनों का वह विशेष समय होता है जब हम अपने पूर्वजों (पितरों) का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करके उन्हें स्मरण और तृप्त करते हैं।

यहाँ पितृ पक्ष की प्रसिद्ध कथा प्रस्तुत है –




पितृ पक्ष कथा

बहुत समय पहले महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था। युधिष्ठिर राजा बन चुके थे। एक दिन ऋषि व्यास उनके पास आए और बोले –
"हे युधिष्ठिर! अब तुम्हें अपने पितरों का श्राद्ध करना चाहिए ताकि वे तृप्त होकर तुम्हें आशीर्वाद दें।"

युधिष्ठिर ने कहा –
"हे मुनिवर! हमारे पितर तो स्वर्ग लोक में होंगे, वे वहाँ भोजन क्यों चाहेंगे?"

तब ऋषि व्यास जी बोले –
"युधिष्ठिर! देवलोक में गए हुए पितर भी अपने वंशजों द्वारा श्राद्ध की अपेक्षा करते हैं। श्राद्ध से उन्हें संतोष और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि श्राद्ध न किया जाए तो वे असंतुष्ट रहते हैं और वंशजों के जीवन में कष्ट आते हैं।"

व्यास जी की बात सुनकर युधिष्ठिर ने पितरों का श्राद्ध किया। पांडवों ने श्रद्धापूर्वक पिंडदान और तर्पण किया। इसके बाद उनके पितर प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देने आए और बोले –
"हम तृप्त हो गए हैं। तुम्हारे वंश में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।"

इसी प्रकार से यह परंपरा चली आ रही है कि भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक 16 दिन पितृ पक्ष के रूप में मनाए जाते हैं। इन दिनों में अपने पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और भोजन दान किया जाता है।


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पितृ पक्ष का महत्व

पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

यह परिवार में सुख-समृद्धि, आरोग्य और संतान की वृद्धि का आशीर्वाद देता है।

इस समय पितरों की आत्मा पृथ्वी पर आती है, इसलिए उन्हें तर्पण और भोजन अर्पित करना आवश्यक होता है।

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"पितृ पक्ष कथा | पितरों का महत्व, श्राद्ध और तर्पण की पौराणिक कहानी | Pitru Paksha Katha in Hindi"

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