AMRITHA SHENOY SINGING RAGAS MIYA MALHAR, PARAJ AND RAMDASI MALHAR CURATED BY MIHIR THAKORE
Автор: MIHIR THAKORE-HINDUSTANI CLASSICAL MUSIC
Загружено: 2024-08-15
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Описание:
ACCOMPANISTS: TABLA- SWAPNIL BHISE
HARMONIUM-DNYANESHWAR SONAWANE
LYRICS:
राग मियां की मल्हार
१)
बंदिश - विलम्बित तिलवाड़ा
रचनाकार - 'अदारंग' फ़िरोज़ खान
स्थायी
करीम नाम तेरो
तू साहेब सतार।
अंतरा
दुःख दलिद्र दूर कीजे,
सुःख देहो सबन को,
अदारंग बिनती करत,
सुन लेहो सतार।।
२)
बंदिश - द्रुत एकताल
रचनाकार - 'दिनरंग' पंडित दिनकर कैकिणी
स्थायी
कारी रे बदरिया
दामिनी दमकत चमकत
दधक उठत जिया मोरा
अंग थर-थर कांपे।
अंतरा
घन गरजे मेहा बरसे,
पी मिलन नैना तरसे,
जाऊँ अब कैसे दिनरंग कहो
मोरा मन धीरज धर-धर तापे।।
३)
तराना - द्रुत तीनताल
रचनाकार - 'दिनरंग' पंडित दिनकर कैकिणी
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राग परज
१)
पारम्परिक बंदिश
ताल - विलम्बित झूमरा
स्थायी
घूंघट डो म्हाने खोलो ओ राजा
हाथ न घालो में कई शाल ओढ़ावो।
अंतरा
दिन दिन रैन तुम बरसन लागो पिया
हमसन रूसे, प्यार करत हुम्हे झिझकन लागे डार।।
२)
बंदिश - द्रुत तीनताल
रचनाकार - 'सुजनदास' पंडित यशवंत महाले
स्थायी
सब आवोरी सहेलिया
मोरा साजन आज घर आईला
मंगल गावो हरवा गूँद लावोरी।
अंतरा
फूलन से आंगना सजावो
मोतियन चौक पुरावो
गावो बजावो रिझावोरी।।
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३) राग रामदासी मल्हार
रचनाकार - पंडित गोविन्द नारायण नातू
ताल तीनताल
स्थायी
नन्ही नन्ही बूँद लगत सुखदायी
आयी सावन की रुत नई सुहानी।
अंतरा
पपीहा की टेर कोयल की कूक
सियरी बहेरी चले मन लुभानी।।
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