चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना | Chal Ud Jaa Re Panchi Ki Ab Ye Desh Huaa | Mohammad Rafi
Автор: Play Classics
Загружено: 2025-12-03
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चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना | Chal Ud Jaa Re Panchi Ki Ab Ye Desh Huaa | Mohammad Rafi
गाना / Title: चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना - chal ud jaa re panchi ki ab ye desh huaa begana
चित्रपट / Film: भाभी-(Bhabhi)
संगीतकार / Music Director: चित्रगुप्त-(Chitragupt)
गीतकार / Lyricist:
गायक / Singer(s): मोहम्मद रफ़ी-(Mohammad Rafi)
चल उड़ जा रे पंछी (२) कि अब ये देश हुआ बेगाना
चल उड़ जा रे पंछी ...
खतम हुए दिन उस डाली के जिस पर तेरा बसेरा था
आज यहाँ और कल हो वहाँ ये जोगी वाला फेरा था
सदा रहा है इस दुनिया में किसका आबू-दाना
चल उड़ जा रे पंछी ...
तूने तिनका-तिनका चुन कर, नगरी एक बसाई
बारिश में तेरी भीगी काया, धूप में गरमी छाई
ग़म ना कर जो तेरी मेहनत तेरे काम ना आई
अच्छा है कुछ ले जाने से देकर ही कुछ जाना
चल उड़ जा रे पंछी ...
भूल जा अब वो मस्त हवा वो उड़ना डाली-डाली
जब आँख की काँटा बन गई, चाल तेरी मतवाली
कौन भला उस बाग को पूछे, हो ना जिसका माली
तेरी क़िस्मत में लिखा है जीते जी मर जाना
चल उड़ जा रे पंछी ...
रोते हैं वो पँख-पखेरू साथ तेरे जो खेले
जिनके साथ लगाये तूने अरमानों के मेले
भीगी आँखों से ही उनकी, आज दुआयें ले ले
किसको पता अब इस नगरी में कब हो तेरा आना
चल उड़ जा रे पंछी ...
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