मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है॥मकर संक्रांति के दिन क्या दान करें ॥
Автор: Shiv Aadiyogi
Загружено: 2022-01-11
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#सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना "संक्रान्ति" कहलाता है, इसी प्रकार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को "मकर संक्रान्ति" के नाम से जाना जाता है। #मकर #संक्रान्ति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं, आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है। इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अनन्य महत्त्व है। इस दिन गंगा स्नान व सूर्योपासना पश्चात गुड़, चावल और तिल का दान श्रेष्ठ माना गया है। मकर संक्रान्ति के दिन खाई जाने वाली वस्तुओं में जी भरकर तिलों का प्रयोग किया जाता है।
मकर संक्रांति पर सूर्यदेव होते हैं उत्तरायण
मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है कि सूर्य के इस बदलाव से व्यक्ति की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। इसके अलावा इस दिन से रात छोटी और दिन बड़ा होने लगता हे।
देवताओं की दिशा में सूर्य के गमन के दिवस को शास्त्रों में दान-पुण्य के कार्यों और स्नान के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग स्नान के साथ कई वस्तुएं दान करते हैं। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर किया गया दान आपको फल के रूप में सौ गुना वापस होकर प्राप्त होता है। इसलिए दान-पुण्य के इस शुभ अवसर को गंवाए बिना अपनी क्षमता के अनुरूप हम सभी को कुछ न कुछ दान जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन किन चीजों को दान करना शुभ माना जाता है-
खिचड़ी का दान
मकर संक्रांति को प्रमुख तौर पर खिचड़ी का पर्व माना जाता है और इस दिन खिचड़ी का दान करने का विशेष महत्व भी माना गया है। इस दिन चावल और उड़द की काली दाल का दान खिचड़ी के रूप में किया जाता है। उड़द का संबंध शनि देव से माना जाता है और इसका दान करने से शनि दोष दूर होते हैं। वहीं चावल को अक्षय अनाज माना जाता है। चावल को दान करने से आपको अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
तिल का दान
मकर संक्रांति को शास्त्रों में तिल संक्रांति भी कहा गया है और इस दिन तिल के दान का खास महत्व माना गया है। मकर संक्रांति पर तिल के दान के साथ ही भगवान विष्णु, सूर्य और शनिदेव की तिल से पूजा की जाती है। इसके साथ ही तिल से बनी चीजों का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। दरअसल शनि देवता ने अपने क्रोधित पिता सूर्य देवता की पूजा करने के लिए काले तिल का ही प्रयोग किया था। इससे प्रसन्न होकर सूर्य देव ने वरदान दिया था कि जब भी वह मकर राशि में आएंगे तो तिल से उनकी पूजा करने और तिल का दान करने से वह प्रसन्न होंगे। इस दिन तिल का दान करने से शनि दोष भी दूर होता है।
ऊनी कपड़े का दान
मकर संक्रांति के अवसर पर ऊनी कपड़े का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन किसी गरीब जरूरतमंद या फिर किसी आश्रम में ऊनी कपड़े, कंबल का दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से आप शनि और राहु के अशुभ प्रभाव से भी दूर रहते हैं।
गुड़ का दान
ज्योतिष में गुड़ को गुरु की प्रिय वस्तु माना गया है। गुड़ का दान करने के साथ ही इस दिन कुछ मात्रा में गुड़ हम सभी को खाना भी चाहिए। ऐसा करने से शनि, गुरु और सूर्य तीनों के दोष दूर होते हैं। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ के लड्डू या फिर गुड़ और मुरमुरे के लड्डू दान कर सकते हैं।
देशी घी का दान
ज्योतिष में घी को भी सूर्य और गुरु से जोड़कर देखा जाता है। मकर संक्रांति पर शुद्ध घी का दान करने से आपको करियर में लाभ के साथ सभी प्रकार की भौतिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं और साथ मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
नमक का दान
मकर संक्रांति के दिन नमक का दान भी विशेष माना जाता है। इसलिए नमक का दान अवश्य करें। यदि आप इस दिन नमक का दान करते हैं तो आपके सभी अनिष्टों का नाश होता है और आपका बुरा वक्त भी टल जाता है। इसलिए नमक का दान मकर संक्रांति के दिन शुभ माना जाता है।
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