क्या किराएदार बन सकता है आपकी प्रॉपर्टी का मालिक ?
Автор: India News Business
Загружено: 2023-04-19
Просмотров: 121
Описание:
कई बार लोग अपने घर के खाली कमरे को या फिर पूरे घर को ही किसी को किराए पर दे देते हैं. लेकिन जब भी कोई मकान मालिक अपनी प्रोपर्टी किसी को किराए पर देता है तो उसे डर होता है कि कहीं किराएदार कुछ साल रहने के बाद उसके घर पर कब्जा ना कर लें. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई किराएदार लंबे समय तक किसी भी प्रोपर्टी में रहता है तो वो उस पर अपना हक जता सकता है और कब्जा भी कर सकता है. कई बार इसी तरह के मामले शायद आपने अपने आस पास भी देखे होंगे. तो ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या ये बाते सही हैं? क्या सही में ऐसा कोई नियम है कि कुछ साल बाद किराएदार प्रॉपर्टी पर हक जता सकता है या फिर ये बातें गलत हैं? तो चलिए आज इस रिपोर्ट में मैं आपको किराएदार और मकान मालिक से जुड़े इन नियमों के बारे में बताती हूं
तो कुछ नियम है जिन्हे जानने के बाद आप आसानी से अपना घर किराए पर दे सकते हैं. और अगर आप एक किराएदार हैं तो आपको भी इन नियमों की जानकारी होना जरूरी है । तो कानून के जानकर बताते हैं कि अगर देखा जाए तो किराएदार किसी की प्रॉपर्टी पर हक नहीं जमा सकता । किरायेदार का मालिक की प्रॉपर्टी पर कोई भी हक नहीं होता . लेकिन, इसका ये मतलब भी नहीं है कि वो ऐसा नहीं कर सकता. दरअसल, यह भी अलग-अलग situations पर depend करता है. कई situations ऐसी भी होती हैं, जिनमें किराए पर रहने वाला व्यक्ति उस property पर अपना हक जाहिर कर सकता है यानी किराएदार मकान मालिक के घर पर अपना कब्जा कर सकता है। अगर कोई किसी जगह पर लंबे समय तक किराए पर रहता है तो कुछ नियमों के तहत वो प्रॉपर्टी उसकी हो सकती है. और इस नियम को adverse possession कहते हैं. फिर इस मामले में कोर्ट भी कुछ नहीं कर पाता । जी हां आपको बता दें की, की नियम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि अगर कोई किराएदार 12 साल तक किसी जगह पर रहता है तो वो उसपर अपना मालिकाना हक जता सकता हैं। एडवर्स पोजेशन का नियम अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. लेकिन, कुछ हालातों में ये नियम मान्य नहीं होता है. जैसे कि सरकारी जमीनों पर ये नियम मान्य नहीं है.
तो इन्हीं सब वजह से अपने घर को किराए पर देने वाले मकान मालिक को ये सलाह दी जाती है कि वो समय पर रेंट एग्रीमेंट बनवाते रहें, ऐसा करते हैं तो यह आपके पास एक सबूत के तौर पर रहेगा कि आपने अपनी प्रॉपर्टी किसी दूसरे व्यक्ति को किराए पर दे रखी है. तो इस स्थिति में कोई भी किरायेदार उस property का मालिक नहीं हो सकता. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, लिमिटेशन ऐक्ट 1963(ट्रेसठ) के अंतर्गत निजी अचल संपत्ति पर लिमिटेशन की वैधानिक अवधि 12 साल है और सरकारी अचल संपत्ति के मामले में यह अवधि 30 साल की है. और ये duration कब्जे के दिन से ही शुरू हो जाती है. अगर किसी व्यक्ति ने अचल संपत्ति पर 12 साल से ज्यादा समय से कब्जा कर रखा है तो कानून भी उसी व्यक्ति के साथ है.
साथ ही अब आपको ये भी बता दे की अगर आपको लगता है कि किरायेदार आपके मकान या दुकान पर कब्जा कर सकता हैं तो ऐसी स्थिति में आप
#प्रॉपर्टी खाली कराने के लिए किरायेदार पर दबाव बनाएं. इसके लिए आप पुलिस से हेल्प भी ले सकते हैं..साथ ही किरायेदार को घर खाली करने का नोटिस भेजते रहें..#नोटिस मिलने के बाद भी अगर वह घर खाली नहीं करता हैं तो आप सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कराएं. जिसके बाद आपको कानूनी तौर पर घर खाली कराने का अधिकार मिल जायेगा..#भारतीय संविधान की धारा आईपीसी 103 के तहत अगर कोई किरायेदार आपके मकान पर कब्जा कर लेता है तो आप उसे बाहर निकलने के लिए बल का प्रयोग भी कर सकते हैं.
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: