इत्यादि | Ityaadi | Rajesh Joshi | जो मरते भी हैं... बिना नाम के | Hindi Kavita | Life Raag
Автор: Life Raag
Загружено: 2025-07-23
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Описание:
कविता (Poetry/Kavita) - इत्यादि [ Ityaadi ]
कवि (Poet / Kavi) - राजेश जोशी
पाठ (Recited by) - राजेश जोशी
Genres : कविता/ Poetry
Language : हिंदी/ Hindi
Country of Origin : भारत/ India
📜 इत्यादि - आम आदमी की अनसुनी कहानी | कविता उन लोगों के लिए जिनके नाम कभी नहीं लिए जाते | जो मरते भी हैं... बिना नाम के | हर जगह थे, पर कहीं नहीं थे! | Hindi Poetry on Common People | Satirical Hindi Poetry
"इत्यादि" राजेश जोशी की एक तीव्र, संवेदनशील और विचारोत्तेजक कविता है जो आम आदमी की गुमनाम उपस्थिति, उसकी भागीदारी और विस्मृति को सशक्त रूप से रेखांकित करती है। इस कविता में 'इत्यादि' वे लोग हैं जो सत्ता के हाशिए पर रहते हुए भी देश और समाज की असली धुरी होते हैं। यह कविता लोकतंत्र, सामाजिक संघर्ष, आम जन की पीड़ा और उनके अदृश्य योगदान को सामने लाने का एक सशक्त माध्यम है। यह वीडियो कविता प्रेमियों, सामाजिक यथार्थ को समझने वालों और विचारशील दर्शकों के लिए बेहद जरूरी है। इस मार्मिक और व्यंग्यपूर्ण कविता में आम जन, गुमनाम लोगों की बात है जो देश और लोकतंत्र की नींव हैं, पर नामों की सूचियों में केवल ‘इत्यादि’ बन कर रह जाते हैं। यह कविता एक काव्यात्मक दस्तावेज है, जो भारतीय लोकतंत्र, जन आंदोलन, और आम नागरिक की भूमिका को बेहद संवेदनशीलता और व्यंग्य के साथ सामने लाती है।
"Ityadi" by Rajesh Joshi is a powerful, sensitive, and thought-provoking Hindi kavita that sharply highlights the invisible presence, participation, and erasure of the common man. In this Hindi poetry, "Ityadi" refers to those nameless masses who, though marginalized from power, are the true pillars of the nation and society. This kavita is a compelling poetic document that explores how those who build and sustain the system are often reduced to mere “etceteras” (इत्यादि) in official records and public memory.
Rajesh Joshi’s kavita is deeply moving and satirical. It portrays the plight and strength of anonymous individuals who shape the country but are absent from lists of recognition. This Hindi kavita is essential viewing for lovers of poetry, those who engage with social realities.
This Hindi poetry video is a tribute to the unheard, unseen, and unnamed citizens only to be remembered as "Ityadi."
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🎙️ राजेश जोशी – जीवनी और साहित्यिक योगदान
राजेश जोशी (जन्म: 18 जुलाई 1946) हिंदी के प्रतिष्ठित कवि, लेखक, पत्रकार और नाटककार हैं। उन्हें वर्ष 2002 में उनके काव्य संग्रह ‘दो पंक्तियों के बीच’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह सम्मान साहित्य अकादमी, भारत की राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था द्वारा प्रदान किया गया। उनकी कविताओं का अनुवाद अंग्रेज़ी, जर्मन, रूसी, उर्दू, और कई भारतीय भाषाओं में किया गया है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
राजेश जोशी का जन्म 1946 में नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश में हुआ। उन्होंने 1966 में जीवविज्ञान (बायोलॉजी) में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने उज्जैन और इंदौर में कुछ समय तक स्कूल शिक्षक के रूप में कार्य किया और फिर बैंक क्लर्क के रूप में भी काम किया। परंतु 1972 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूर्ण रूप से साहित्यिक जीवन को समर्पित कर दिया।
साहित्यिक करियर:
राजेश जोशी ने आरंभ में 'वातायन', 'लहर', 'पहल', 'धर्मयुग', 'साप्ताहिक हिंदुस्तान', 'सरिका' जैसी प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखक के रूप में लेखन किया। बाद में वे 'नया विकल्प', 'नया पथ', और 'वर्तमान साहित्य' जैसी पत्रिकाओं के संपादक भी रहे।
कविता संग्रह:
धूप घड़ी (2002),
एक दिन बोलेंगे पेड़ (1989),
मिट्टी का चेहरा (1989),
नेपथ्य में हँसी (1994),
दो पंक्तियों के बीच(2002),
चाँद की वर्तनी (2006),
समरगाथा (एक लंबी कविता),
जिद (2015)
कहानी संग्रह:
सोमवार और अन्य कहानियाँ,
कपिल का पेड़
उपन्यास: किस्सा कोताह
नाटक: कई नाटकों की रचना (विषय आमजन के संघर्ष, सत्ता की आलोचना और सामाजिक यथार्थ से जुड़े हैं)
जादू जंगल, अच्छे आदमी, तुम सआदत हसन मंटो हो, पाँसे, सपना मेरा यही सखी, हमें जवाब चाहिए
बाल साहित्य:
गेंद निराली मिठू की ( बच्चों के लिए लिखी गई बाल कविताओं का संग्रह, जिसमें कल्पनाशीलता और सरलता के साथ काव्यात्मक आनंद है )
ब्रह्मराक्षस का नाई ( बच्चों के लिए नाटक )
प्रमुख सम्मान एवं पुरस्कार
साहित्य अकादमी पुरस्कार (2002) — दो पंक्तियों के बीच के लिए
मुक्तिबोध पुरस्कार
माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार
श्रीकांत वर्मा स्मृति सम्मान
शिखर सम्मान
अन्य अनेक राज्य और राष्ट्रीय सम्मान
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