आयल पुल्लिंग (गंडूषकर्म) की विधि और लाभ (Oil pulling Technique and its Benefits in Hindi)
Автор: Dr Saurabh Sharma
Загружено: 2020-05-19
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ऑयल पुलिंग मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है। गंडूष विधि के अनुसार मुंह में पूरी तरह से तेल भरा जाता है । ऑयल पुलिंग एक कारगर उपचार है, जो न सिर्फ मुंह, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
आयल पुल्लिंग की विधि।
सवेरे उठकर मुंह साफ़ करने के बाद लेकिन नाश्ते से पहले एक बड़ा चम्मच 10 मि ली सूरजमुखी का तेल, या तिल का तेल, या मूंगफली का तेल लीजिये, इसको मुंह में भरकर 15-20 मिनट तक करे। । मुंह में तेल भरकर इस क्रिया को करने से 15-20 मिनट में तेल दूषित, पतला और सफ़ेद हो जाता हैं। तत्पश्चात इस दूषित तेल को थूक दीजिये।
आयल पुल्लिंग से आपके निरंतर स्वस्थ रहने को तो बल मिलता ही हैं इसके इलावा जिन रोगो के ठीक होने का दावा विज्ञानं भी करता हैं उनमे ख़ास हैं दाँतो की बीमारिया, मसूड़ों से खून का बहना, दांत दर्द, दाँतो का पीलापन, पुराने रक्त रोग, झाइयो, झुर्रियों, सिरदर्द, श्वासनली की सूजन (ब्रोंकाइटिस), थ्रोम्बोसिस, हृदय रोग, गुर्दे और मूत्र सम्बन्धी बीमारिया, पेट, फेफड़े और जिगर के रोग, अस्थिरोग, चर्मरोग, स्नायु रोग, पक्षाघात, अनिद्रा आदि। ये प्रक्रिया कैंसर में भी बहुत लाभदायक हैं।
नीचे जानते हैं ऑयल पुलिंग के फायदों के बारे में।
• हानिकारक बैक्टीरिया का मुकाबला करे
• मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए
• कैविटी की समस्या को दूर करने के लिए
• मसूड़ों की सूजन काे दूर कर उन्हें स्वस्थ रखे
• दांत दर्द का इलाज करने के लिए ऑयल पुलिंग के फायदे
• सिरदर्द को कम करता है
• मुंहासों की रोकथाम के लिए ऑयल पुलिंग के फायदे
• त्वचा को साफ रखने के लिए
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