माघ मास की पूर्णिमा का क्यों है इतना महत्व, जानिए माघी पूर्णिमा की ये पौराणिक कथा
Автор: Sanatan marg
Загружено: 2024-02-23
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माघ मास की पूर्णिमा का क्यों है इतना महत्व, जानिए माघी पूर्णिमा की पौराणिक कथा!
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माघ पूर्णिमा का क्यों है इतना महत्व, आईये जानते हैं माघ पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन माघ मास में पढ़ने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व है इसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है इस साल माघी पूर्णिमा शनिवार 24 फरवरी 2024 को है इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं दान करते हैं व्रत रखते हैं और श्री हरि जी का पूजन करते हैं साथ ही माघ पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी, चंद्र देव की भी पूजा करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है आईए जानते हैं इससे जुड़े पौराणिक कथा क्या है पूर्णिमा से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार कांतिका नगर में एक गरीब ब्राह्मण दंपति रहते थे जो भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करते थे ब्राह्मण का नाम धनेश्वर था और उसके कोई संतान नहीं थी एक दिन भिक्षा मांगने के दौरान लोग ब्राह्मण की पत्नी को बाँझ कह कर ताने मारने लगे और भिक्षा भी नहीं दी इस तरह से ब्राह्मण दंपति बहुत ही दुखी हो गए इसके बाद किसी ने उन्हें 16 दिनों तक मां काली की पूजा करने को कहा ब्राह्मण और उसकी पत्नी 16 दिनों तक मां काली की पूजा की उनकी पूजा से प्रसन्न होकर मां काली ने उन्हें दर्शन दिए और ब्राह्मण की पत्नी को गर्भवती होने का आशीर्वाद दिया ब्राह्मण की पत्नी गर्भवती हुई और दसवें महीने में एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया पुत्र का नाम देवदास रखा गया लेकिन देवदास अल्प आयु था देवदास जब थोड़ा सा बड़ा हुआ तो उसे पढ़ने के लिए उसके मामा के पास काशी भेज दिया गया लेकिन काशी में कुछ ऐसी घटना घटी जिस कारण धोखे से देवदास का विवाह कर दिया गया कुछ ही समय बाद उसकी मृत्यु का भी समय निकट आ गया और काल उसके प्राण हरने आ गए लेकिन उस दिन पूर्णिमा तिथि थी और ब्राह्मण दंपति ने पुत्र के लिए व्रत रखा था जिसके कारण पुत्र का बाल भी बाका ना हो सका पूर्णिमा व्रत के प्रभाव से ही देवदास के प्राण बच गए इसलिए ऐसी मान्यता है की पूर्णिमा का व्रत रखने से जीवन संकटों से मुक्त रहता है और अनहोनी टल जाती है यह थी माघ पूर्णिमा की पुरानी कथा
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