भोजन खाने से पहले बोली जाने वाली वाणी | अन्नदेव की आरती | Sant Rampal Ji Maharaj | Annadev Ki Aarti
Автор: manojdass
Загружено: 2024-05-10
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भोजन खाने से पहले बोली जाने वाली वाणी | अन्नदेव की आरती | Sant Rampal Ji Maharaj | Annadev Ki Aarti
"भोजन खाने से पहले बोली जाने वाली वाणी" गरीब, सुख देना दुःख मेटना, ताजा राखे तन। सुर तेतीसों खुश किए नमस्कार तोहे अन्न।। 1 ।।
अन्न जल साहिब रूप है, क्षुध्या तृषा जाए। चारों युग
प्रवान हैं, आत्म भोग लगाए।।2।। जो अपने सो और के, एकै पीड़ पिछान। भुखियां भोजन देत हैं, पहुँचेगें प्रवान।।3।।
अन्न देव तुं अलख दयालं, तेरे पलड़ै तुलै न लाल। अन्न देव तँ जगमग ज्योति, तेरे पलड़े तुलै न मोति ।।4।।
वैरागर किस काम न आवै, अन्न देव तूं सब मन भावै। वैरागर है पत्थर भारी, अन्न देव तूं आप मुरारी।।5।। खुध्या तृषा मेटैं पीड़ा, तेरै पलड़ै तुलै न हीरा। दास गरीब ये अन्न की महिमा, तीन लोक में जाका रहिमा।।6।।
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