“2025 के नए लेबर कोड: कर्मचारियों के लिए नए अधिकार, नई उम्मीदें!
Автор: Finance Chandra Koli
Загружено: 2025-12-05
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2025 के नए लेबर कोड: कर्मचारियों के लिए नए अधिकार, नई उम्मीदें!
21 नवंबर 2025 से देश भर में Code on Wages, 2019, Industrial Relations Code, 2020, Code on Social Security, 2020 और Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 लागू हो गए। इन चार नए “लेबर कोड्स” ने पहले के करीब 29 कानूनों को बदलकर नया ढाँचा तैयार किया है।
सबसे बड़ा बदलाव वेतन (wages) के क्षेत्र में — अब “वेतन” की परिभाषा स्पष्ट हो गई है, और CTC में Basic + Dearness Allowance मिलाकर कम-से-कम 50% होना ज़रूरी है। इससे PF, ग्रेच्युटी और अन्य सुविधाओं के लिए आधार मजबूत हुआ है।
इसके साथ ही उन श्रमिकों व कर्मचारियों को भी सामाजिक सुरक्षा, PF/ESI, ग्रेच्युटी, अन्य सुविधाएँ मिलने लगी हैं — चाहे वे नियमित हों, कॉन्ट्रैक्ट पर हों, या गिग/प्लेटफ़ॉर्म वर्कर हों।
वहीं, कुछ नए प्रावधानों पर चिंताएं भी सामने आई हैं — जैसे ओवरटाइम, काम के घंटे, तथा लागू होने वाले नियमों का सही क्रियान्वयन। क्योंकि कई राज्यों में नए नियमों के लिए राज्य-स्तरीय अधिसूचनाओं का इंतज़ार है।
कुल मिलाकर — ये कोड्स अगर सही से लागू हुए, तो यह कर्मचारियों के लिए बेहतर सुरक्षा, सुविधाएँ, स्थिरता और औपचारिक रोजगार संबंधी फायदे ला सकते हैं। लेकिन असली असर इस बात पर निर्भर करेगा कि संस्थाएँ, अधिकारी और सरकार उन्हें धरातल पर कैसे लागू करती21 नवंबर 2025 से देश भर में Code on Wages, 2019, Industrial Relations Code, 2020, Code on Social Security, 2020 और Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 लागू हो गए। इन चार नए “लेबर कोड्स” ने पहले के करीब 29 कानूनों को बदलकर नया ढाँचा तैयार किया है।
सबसे बड़ा बदलाव वेतन (wages) के क्षेत्र में — अब “वेतन” की परिभाषा स्पष्ट हो गई है, और CTC में Basic + Dearness Allowance मिलाकर कम-से-कम 50% होना ज़रूरी है। इससे PF, ग्रेच्युटी और अन्य सुविधाओं के लिए आधार मजबूत हुआ है।
इसके साथ ही उन श्रमिकों व कर्मचारियों को भी सामाजिक सुरक्षा, PF/ESI, ग्रेच्युटी, अन्य सुविधाएँ मिलने लगी हैं — चाहे वे नियमित हों, कॉन्ट्रैक्ट पर हों, या गिग/प्लेटफ़ॉर्म वर्कर हों।
वहीं, कुछ नए प्रावधानों पर चिंताएं भी सामने आई हैं — जैसे ओवरटाइम, काम के घंटे, तथा लागू होने वाले नियमों का सही क्रियान्वयन। क्योंकि कई राज्यों में नए नियमों के लिए राज्य-स्तरीय अधिसूचनाओं का इंतज़ार है।
कुल मिलाकर — ये कोड्स अगर सही से लागू हुए, तो यह कर्मचारियों के लिए बेहतर सुरक्षा, सुविधाएँ, स्थिरता और औपचारिक रोजगार संबंधी फायदे ला सकते हैं। लेकिन असली असर इस बात पर निर्भर करेगा कि संस्थाएँ, अधिकारी और सरकार उन्हें धरातल पर कैसे लागू करती21 नवंबर 2025 से देश भर में Code on Wages, 2019, Industrial Relations Code, 2020, Code on Social Security, 2020 और Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 लागू हो गए। इन चार नए “लेबर कोड्स” ने पहले के करीब 29 कानूनों को बदलकर नया ढाँचा तैयार किया है।
सबसे बड़ा बदलाव वेतन (wages) के क्षेत्र में — अब “वेतन” की परिभाषा स्पष्ट हो गई है, और CTC में Basic + Dearness Allowance मिलाकर कम-से-कम 50% होना ज़रूरी है। इससे PF, ग्रेच्युटी और अन्य सुविधाओं के लिए आधार मजबूत हुआ है।
इसके साथ ही उन श्रमिकों व कर्मचारियों को भी सामाजिक सुरक्षा, PF/ESI, ग्रेच्युटी, अन्य सुविधाएँ मिलने लगी हैं — चाहे वे नियमित हों, कॉन्ट्रैक्ट पर हों, या गिग/प्लेटफ़ॉर्म वर्कर हों।
वहीं, कुछ नए प्रावधानों पर चिंताएं भी सामने आई हैं — जैसे ओवरटाइम, काम के घंटे, तथा लागू होने वाले नियमों का सही क्रियान्वयन। क्योंकि कई राज्यों में नए नियमों के लिए राज्य-स्तरीय अधिसूचनाओं का इंतज़ार है।
कुल मिलाकर — ये कोड्स अगर सही से लागू हुए, तो यह कर्मचारियों के लिए बेहतर सुरक्षा, सुविधाएँ, स्थिरता और औपचारिक रोजगार संबंधी फायदे ला सकते हैं। लेकिन असली असर इस बात पर निर्भर करेगा कि संस्थाएँ, अधिकारी और सरकार उन्हें धरातल पर कैसे लागू करती
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