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सफेद मूसली की खेती रोग उपचार safed musli 8127712216

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Автор: mahendra safed “Safed_musli_farming” Musli farm jhansi

Загружено: 2018-08-01

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Описание: महेंद्र मूसली फार्म झांसी 8127712216 सफेद मूसली की खेती सम्पूर्ण भारतवर्ष में (ज्यादा ठंडे क्षेत्रों को छोडकर) सफलता पूर्वक की जा सकती है। सफेद मूसली को सफेदी या धोली मूसली के नाम से जाना जाता है जो लिलिएसी कुल का पौधा है। यह एक ऐसी “दिव्य औषधि“ है जिसमें किसी भी कारण से मानव मात्र में आई कमजोरी को दूर करने की क्षमता होती है। सफेद मूसली फसल लाभदायक खेती है

सफेद मुसली एक महत्वपूर्ण रसायन तथा एक प्रभाव वाजीकारक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग खांसी, अस्थमा, बवासीर, चर्मरोगों, पीलिया, पेशाब संबंधी रोगों, ल्यूकोरिया आदि के उपचार हेतु भी किया जाता है। हालांकि जिस प्रमुख उपयोग हेतु इसे सर्वाधिक प्रचारित किया जाता है। वह है-नपंुसकता दूर करने तथा यौनशक्ति एवं बलवर्धन। मधुमेह के उपचार में भी यह काफी प्रभावी सिद्ध हुआ है।

सफेद मूसली उगाने के लिए जलवायु -
सफेद मूसली मूलतः गर्म तथा आर्द्र प्रदेशांे का पौधा है। उंत्तरांचल, हिमालय प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर के ऊपर क्षेत्रों में यह सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।

सफेद मूसली के खेत की तैयारी -
सफेद मूसली 8-9 महीनें की फसल है जिसे मानसून में लगाकर फरवरी-मार्च में खोद लिया जाता है। अच्छी खेती के लिए यह आवश्यक हे कि खेतों की गर्मी में गहरी जुताई की जाय, अगर सम्भव हो तो हरी खाद के लिए ढ़ैचा, सनइ, ग्वारफली बो दें। जब पौधो में फूल आने लगे तो काटकर खेत में डालकर मिला दें। गोबर की सड़ी खाद 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से अन्तिम जुताई के समय खेत में मिला दें। खेतों में बेड्स एक मीटर चैड़ा तथा एक फीट ऊँचा बनाकर 30 सेमी. की दूरी पर कतार बनाये, जिसमें 15 से.मी. की दूरी पर पौधे को लगाते हैं। बेड्स बनाने के पूर्व 300-350 किलो प्रति हेक्टिेयर की दर से नीम या करंज की खल्ली मिला दें।

बीज उपचार एवं रोपण –
400 से 500 किलोग्राम बीज या 40000 ट्यूबर्स प्रति हैकटैर की दर से बीज की अवश्यकता पड़ती है। बुवाई के पहले बीज का उपचार रासायनिक एवं जैविक विधि से करते हैं । रासायनिक विधि में वेविस्टीन के 0.1 प्रतिशत घोल में ट्यूबर्स को उपचारित किया जाता है। जैविक विधि से गोमूत्र एवं पानी (1ः10) में 1 से 2 घंटे तक ट्यूबर्स को डुबोकर रखा जाता है। बुआई के लिये गड्ढे बना दिये जाते हैं। गड्ढे की गहराई उतनी होनी चाहिए जितनी बीजों की लम्बाई हो, बीजों का रोपण इन गड्ढों में कर हल्की मिट्टी डालकर भर दें ।

सफेद मुसली की सिंचाई एवं निकाई-गुड़ाई:
रोपाई के बाद ड्रिप द्वार सिंचाई करें। बुआई के 7 से 10 दिन के अन्दर यह उगना प्रारम्भ हो जाता हैं। उगने के 75 से 80 दिन तक अच्छी प्रकार बढ़ने के बाद सितम्बर के अंत में पत्ते पीले होकर सुखने लगते हैं तथा 100 दिन के उपरान्त पत्ते गिर जाते हैं। फिर जनवरी फरवरी में जडं़े उखाड़ी जाती हैं।

सफेद मुसली की किस्में -
सफेद मुसली की कई किस्में देश में पायी जाती हैं। उत्पादन एवं गुणवत्ता की दृष्टि से एम डी बी 13 एवं एम डी बी 14 किस्म अच्छी है। इस किस्म का छिलका उतारना आसान होता है। बस किस्म में उपर से नीचे तक जड़ो या टयूबर्स की मोटाई एक समान होती है। एक साथ कई ट्यूबर्स (2-50) गुच्छे के रूप में पाये जाते हैं।

मूसली बरसात में लगायी जाती है। नियमित वर्षा से सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। अनियमित मानसून में 10-12 दिन में एक सिंचाई दें। अक्टूबर के बाद 20-21 दिनों पर हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए। मूसली उखाडने के पूर्व तक खेती में नमी बनाए रखें।

जल भराव अथवा आवश्यकता से अधिक सिंचाई के कारण जड़ांे के गलन का रोग हो सकता है । इसकी रोकथाम के लिए आगे सिंचाई देना बंद करके तथा रूके हुए पानी को बाहर निकाल करके इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। फंगस के रूप में पौधों पर ‘फ्यूजेरिम‘ का प्रकोप हो सकता हैं। जिसके उपचार हेतु टाªयकाडर्मा बिरडी का उपयोग किया जा सकता है। दीमक से सुरक्षा हेतु नीम की खली का उपयोग सर्वश्रेष्ठ पाया गया है। एक सुरक्षा के उपाय के रूप में कम से कम 15 दिन में एक बार फसल पर ग©मूत्र के घोल का छिड़काव अवश्य कर दिया जाना चाहिए।

मूसली खोदने (हारवेस्टिंग) :-
मूसली को जमीन से खोदने का सर्वाधिक उपयुक्त समय नवम्बर के बाद का होता है। जब तक मूसली का छिलका कठोर न हो जाए तथा इसका सफेद रंग बदलकर गहरा भूरा न हो तब तक जमीन से नहीं निकालें। मूसली को उखाडने का समय फरवरी के अंत तक है।

खोदने के उपरांत इसे दो कार्यों हेतु प्रयुक्त किया जाता है:

बीज हेतु रखना य बेचना
इसे छीलकर सुखा कर बेचना
बीज के रूप में रखने के लिये खोदने के 1-2 दिन तक कंदो का छाया में रहने दें ताकि अतरिक्त नमी कम हो जाए फिर कवकरोधी दवा से उपचारित कर रेत के गड्ढों, कोल्ड एयर, कोल्ड चेम्बर में रखे।

सुखाकर बेचने के लिये फिंर्गस को अलग-अलग कर चाकू अथवा पीलर की सहायता से छिलका उतार कर धूप में 3-4. महेंद्र मूसली फार्म झांसी बीज बुक करने के लिए संपर्क करें 8127712216

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