उत्तर रामायण - EP 9 - वेश बदल कर राम का नगर भ्रमण। सीता के प्रति प्रजा के कटु विचार
Автор: Ramayan
Загружено: 2024-12-01
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Uttar Ramayan - Episode 9 - Ram's city tour by changing his appearance | People's bitter thoughts towards Sita
राम अपने पिता दशरथ की सीख पर चलते हुए वेश बदल कर राज्य का दौरा करते हैं। रात्रि में एक स्थान पर राम लोगों की बैठक होते देखते हैं। यहाँ तर्क वितर्क चल रहा होता है कि किसी विवशतावश परपुरुष के घर रात बिताने वाली स्त्री का त्याग करके पति ने उचित किया है अथवा अनुचित। कुछ बड़े बुजुर्गों का मत है कि दूसरे पुरुष के घर रात बिताने वाली स्त्री का त्याग करके पति ने उचित निर्णय लिया है तो कुछ नगरवासी इसे स्त्री की परिस्थितिजन्य विवशता बताकर उसे क्षमा करने की बात कहते सुनायी पड़ते हैं। राम एक ओट से छिपकर सारी बातें सुनते हैं। एक नागरिक कहता है कि यदि स्त्री राजा राम के समक्ष उपस्थित हो पाती तो वे न्याय अन्याय पर विचार किये बिना, सैनिकों के बल पर स्त्री को घर में प्रवेश दिला देते। वह कहता है कि राम यह निर्णय इस कारण लेते क्योंकि स्वयं उन्होंने दस माह तक रावण के घर में रहने वाली सीता को अपने महल में स्थान दिया हुआ है। एक अन्य नागरिक भी इस तर्क से सहमत होते हुए कहता है कि सीता के रानी बनने के बाद से समाज की आम स्त्रियाँ सदाचार से विमुख हो सकती हैं। राम प्रजाजनों की बात से बहुत दुखी होते हैं। राम को गुप्तचर से पता चलता है कि पूरे राज्य में स्थान स्थान पर इसी तरह की चर्चाएं चलती हैं। राम पर तुषारापात होता है। कुछ नागरिक सीता की अग्निपरीक्षा होने की बात कहकर उनकी पवित्रता से सहमत होते हैं किन्तु कुछ नागरिक अयोध्या में सबके सामने अग्निपरीक्षा दोहराये जाने की माँग करते हैं। राम व्यथित हृदय से महल में वापस लौटते हैं। सीता उनसे इसका कारण पूछती हैं। राम कहते हैं कि जनता बहुत स्वार्थी है, वो राजा के रक्त का अन्तिम बूँद तक ले लेना चाहती है किन्तु उसे देती कुछ नहीं। सीता राम से कुल परम्परानुसार जनता जनार्दन की भावनाओं का आदर करने को कहती हैं किन्तु उन्हें यह नहीं पता होता कि अब प्रकरण के केन्द्र बिन्दु में अज्ञात स्त्री नहीं, वे स्वयं हैं। यह रात बेचैनी भरी है। राम की आँखों में नींद नहीं आती। वह पूर्वजों के कक्ष तथा अराध्यदेव शिव के मन्दिर में चक्कर लगाते हुए रात काटते हैं।
उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं। कैसे लव कुश श्री राम और माँ सीता को मिलाते हैं देखे सम्पूर्ण उत्तर रामायण के सभी एपिसोड सिर्फ़ तिलक YouTube चैनल पर।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
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