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चाणक्य नीति से बच्चे का परवरिश कैसे करें।अपने बच्चों का फिक्र है तो एक बार जरूर सुने Saloni tv hindi

Автор: Saloni TV Hindi

Загружено: 2024-06-23

Просмотров: 3127

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Understand the age and developmental stage of the child, and adjust your #behavior and communication accordingly. Treat children differently at different ages.
Instill good values and discipline in children from a young age. Teach them the difference between right and wrong.
Encourage physical activity like walking, cycling, or sports, as it helps develop the hippocampus and improves learning and understanding.
Cultivate humility in children, as time is fleeting and they should not be overconfident.
Recognize and nurture the unique talents and abilities of each child, rather than comparing them to others.
As a father, be a role model and guide your children to become worthy individuals. Your behavior and values will greatly influence them.
The Chanakya Niti principles emphasize the critical role of parents, especially fathers, in shaping the character and future of their children through proper upbringing and mentorship. कोई व्यक्ति ऐसा हो जो आचार्य चाणक्य के बारे में न जानता हो. अपने समय के वे एक काफी जाने-माने और महान इकोनॉमिस्ट, डिप्लोमैट और पॉलिटिशियन थे. अपने जीवन काल में चाणक्य ने कई तरह की बातें बताई जिनका अगर सही तरीके से पालन किया जाए तो हमें जीवन में सफलता पाने से कोई भी नहीं रोक सकता है. आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गयी कुछ ऐसी बातों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको अपने बच्चों को जरूर सिखानी चाहिए. इन चीजों को अगर आपके बच्चे सीखते हैं तो उन्हें जीवन में सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकेगा. दोस्तों कहानी पूरा सुने तभी समझ में आएगा आप कहानी में खो जाएं इससे पहले हमारे इस चैनल सलोनी टीवी को लाल बटन दबाकर सब्सक्राइब कर ले और घंटी का बटन दबाना ना भूले तो चलते हैं कहानी की ओर। आचार्य चाणक्य जी अपने नीति शास्त्र में कहते हैं कि।बचपन में बच्चों को जैसी शिक्षा दी जाएगी उनके जीवन का विकास उसी प्रकार का होगा। इसलिए माता-पिता का कर्तव्य है कि वह उन्हें ऐसे मार्ग पर चलाएं।जिससे उनमें चतुराई के साथ-साथ सील स्वभाव का भी विकास हो। गुणी व्यक्ति से ही कुल की शोभा होती है।आचार्य चाणक्य जी अपनी नीति शास्त्र में कहते हैं कि। यह ठीक है कि बच्चों को लाड प्यार करना चाहिए। किंतु अधिक लाड प्यार करने से बच्चों में अनेक दोष भी उत्पन्न हो सकते हैं। माता-पिता का ध्यान प्रेम वश उन दोषो की ओर नहीं जाता। इसलिए बच्चे यदि कोई गलत काम करते हैं तो उन्हें पहले ही समझा बुझा कर उसे गलत काम से दूर करने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों के द्वारा गलत काम करने पर उसे नजर अंदाज करके लाड प्यार करना उचित नहीं। बच्चों को डांटना भी चाहिए। किए गए अपराध के लिए दंडित भी करना चाहिए। ताकि उसे सही गलत की समझ आए। आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में कहते हैं की बहुत से लोगों के बहुत से पुत्र अथवा संताने होती है। परंतु उनकी अधिकता के कारण परिवार का सम्मान नहीं बढ़ता। कुल का सम्मान बढ़ाने के लिए एक सद्गुणी पुत्र ही काफी होता है। धृतराष्ट्र के 100 पुत्र में से एक भी ऐसा नहीं निकला जिसे सम्मान से स्मरन किया जाता हो। ऐसे 100 पुत्र से क्या लाभ। सागर के तो साठ हजार पुत्र थे। जिस प्रकार एक ही सुखा पेड में आग लगने से सारा जंगल जलकर राख हो जाता है। इस प्रकार कुल में एक कुपुत्र पैदा हो जाए तो वह सारे कुल का नष्ट कर देता है। आचार्य चाणक्य जी अपनी नीति शास्त्र में कहते हैं कि। सैक्रो मूर्ख पुत्र के अपेक्षा एक विद्वान और गुनो से युक्त पुत्र से ही पूरे परिवार का कल्याण होता है। रात्रि के समय जिस प्रकार आकाश में हजारों तारांगन दिखाई देते हैं। परंतु उनसे रात्रि का अंधकार दूर होने में सहायता नहीं मिलती है। उसे तो चंद्रमा ही दूर कर पाता है। आचार्य चाणक्य की दृष्टि में संख्या नहीं गुण महत्वपूर्ण है। चाणक्य कहते हैं कि बचपन में बच्चों को जैसी शिक्षा दी जाएगी। उनके जीवन का विकास उसी प्रकार होगा। इसलिए माता-पिता का कर्तव्य है कि वह उन्हें ऐसे मार्ग पर चलाएं। जिससे उनमे चतुराई के साथ साथ सील स्वभाव का भी विकास हो। गुणी व्यक्तियों से ही कुल की शोभा होती है।
आचार्य चाणक्य जि ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि माता- पिता को किस आयु में बच्चे के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए. इस श्लोक का अर्थ है कि माता- पिता को पांच साल तक बच्चे को खूब प्यार करना चाहिए. क्योंकि इस समय बच्चा अबोध होता है. इस उम्र में बच्चे को सही और गलत की समझ नहीं होती है. इस आयु में की गई गलती जानबूझकर नहीं होती है.

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चाणक्य नीति से बच्चे का परवरिश कैसे करें।अपने बच्चों का फिक्र है तो एक बार जरूर सुने Saloni tv hindi

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