मिथुन और तुला राशि, शनि ढैय्या से कब मिलेगी मुक्ति और इसका उपाय
Автор: Acharya Bharat Bhushan Gaur
Загружено: 2021-09-02
Просмотров: 2253
Описание:
#तुला #मिथुन #शनि-ढैय्या
मिथुन और तुला राशि वालों पर चल रही शनि ढैय्या, जानिए कब मिलेगी मुक्ति और प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का विशेष महत्व है। शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में करीब ढाई साल का समय लेते हैं। शनि राशि परिवर्तन के जरिए एक साथ पांच राशियों पर असर डालते हैं। जब शनि गोचर काल से आठवें या चौथे भाव में स्थित होते हैं तब शनि की यह स्थिति शनि ढैय्या कहलाती है।
शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वालों को आर्थिक मोर्चे पर कष्टों का सामना करना पड़ता है। बेवजह खर्च बढ़ जाते हैं। इस दौरान कुछ लोगों को आर्थिक तंगी तक का सामना करना पड़ सकता है। शनि ढैय्या की स्थिति में मानसिक तनाव भी रहता है। कई बार व्यक्ति बुरी संगत में पड़ जाता है।
शनि ढैय्या के दौरान इन बातों से बचें-
शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वालों को मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
खुद के स्वार्थ के लिए दूसरों को कष्ट न पहुंचाएं।
झूठ नहीं बोलना चाहिए।
किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
पैसों के मामले में सावधानी बरतनी चाहिए।
तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या का असर-
तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या 24 जनवरी 2020 से चल रही है। शनि की तुला उच्च राशि है और इन राशि के जातकों को 29 अप्रैल 2022 को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। लेकिन 12 जुलाई 2021 को शनि के वक्री होते ही शनि ढैय्या की चपेट में तुला राशि फिर आ जाएगी। शनि 17 जनवरी 2023 तक वक्री रहेंगे। इसके बाद मकर राशि दोबारा कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे। 17 जनवरी 2023 को तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से पूर्ण रूप से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि ढैय्या के उपाय-
शनि दोष से पीड़ित राशि वालों को हर शनिवार शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करना चाहिए। शनिवार को सुबह स्नान आदि करके पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र या 'ॐ नमः शिवाय' का जाप और सुंदरकाण्ड का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: