गरुड़ पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु क्या है?? और कैसे क्यु होती है???
Автор: rakhi facts knowledge...
Загружено: 2023-02-17
Просмотров: 57
Описание:
गरूड़ पुराण में जीवन और मृत्यु के हर रूप का वर्णन किया गया है, इस पुराण में बताया गया है कि, किसी प्रकार से मनुष्य को सदकर्म करने चाहिये, ताकि जीवित रहते ज्यादा से ज्यादा सुख और पुण्य अर्जित हो, जिससे कि अंत समय में बिना किसी कष्ट के प्राण त्याग क मोक्ष की प्राप्ती हो सके।
परंतु फिर भी ना जाने क्यो, हम में से ही कुछ अज्ञानी लोग जीवन में आने वाले व्यर्थ के कष्टों अथवा चिंताओं से भयभित होकर अपने प्राण त्याग देते है और भविष्य में मिलने वाले विभिन्न सुखों से हाथ धो बैठते है।
लेकिन दोस्तों, अब प्रष्न ये उठता है कि, आखिर आत्महत्या या कहें की
देह हत्या करने के बाद आत्मा का क्या होता है, क्या आत्महत्या करने
से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है? क्या ऐसा प्राणी मोक्ष
अथवा पुनः जन्म को प्राप्त कर पाता है या फिर उसके कष्टों में और भी
बढ़ोतरी हो जाती है।
बस इन्हीं कुछ प्रष्नों के उत्तर जानेंगे, हम आज के इस वीडियों में, नमस्कार और एक बार फिर स्वागत है आप सभी का, आपके अपने वीडियों rakhifacts युट्यूब चैनल पर ।
अकाल मृत्यु क्या है ? क्यों होती है अकाल मृत्यु ? उसके बाद उस जीव के साथ क्या होता है ? गरूड़ पुराण
जीवन और मृत्यु के बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं होती है। हर व्यक्ति अपनी अलग अलग धारणा बनाए हुए बैठा है, मगर इसके बारे में सभी को सही से जानकारी होनी ही चाहिए। क्योंकि हम सभी को ये तो पता ही है कि हमें कर्म के हिसाब से ही फल मिलते हैं और वो इसी जन्म में हम भोगकर ही जाते हैं। अगर बात करें पुराणों की तो पुराण में भी जीवन और मृत्यु के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया गया है। गरुण पुराण में तो मृत्यु के बारे में बहुत ही संक्षिप्त में बताया गया है।
इसके अनुसार व्यक्ति की मृत्यु के लिए भी समय होता है। जिस तरह से हर काम को करने के लिए कोई निश्चित समय होता है और व्यक्ति को क्या करना है ये सब पहले से ही लिखा होता है, बस ठीक ऐसे ही मृत्यु का भी एक निश्चित समय होता है। जिस वक्त आपकी मृत्यु लिखी होगी उसी वक्त आपको जाना होगा।
मृत्यु के बारे में बातें किया करते होंगे। क्या आपको पता है कि अकाल मृत्यु आखिर होता क्या है और जब किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद क्या होता है? अगर नहीं तो आज इस लेख में आपको हम इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
• अकाल मृत्यु क्या होता है?
अगर हमें ये जानना है कि अकाल मृत्यु होने के बाद क्या होता है तो उससे पहले हम सभी के लिए ये जानना बेहद ज़रूरी है कि आखिर ये अकाल मृत्यु होता क्या है।
के काटने से, या फिर किसी रोग के कारण, या फिर गले में फांसी का फंदा लगने से, या फिर भूख से पीड़ित होकर, या फिर किसी हिंसक प्राणी के द्वारा मारा जाता है तो ऐसा ही व्यक्ति अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। ऐसा गरुण पुराण के सिंहावलोकन अध्याय में बताया गया है। इसके अलावा बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो आत्महत्या कर लेते हैं। लेकिन गरुण पुराण में उसी आत्महत्या को सबसे ज्यादा घ्रणित और निंदनीय अकाल मृत्यु बताया गया है।
• अकाल मृत्यु हो जाने के बाद क्या होता है?
ऐसा माना जाता है कि अगर कोई आत्महत्या करता है तो इसका मतलब यह होता है कि वह ईश्वर का अपमान करता है। वहीं जिन लोगों की मृत्यु प्राकृतिक रूप से होती है, उन लोगों को 3 या फिर 10 या फिर 13 या फिर 40 दिनों के भीतर ही दूसरा शरीर प्राप्त हो जाता है। लेकिन जो लोग आत्महत्या करते हैं उन लोगों की जीवात्मा पृथ्वी लोक पर ही भटकती रहती है। ऐसा माना जाता है कि ये आत्मा तब तक पृथ्वी लोक पर भटकती है जब तक वह आत्मा प्रकृति के द्वारा जो उसका निर्धारित जीवन चक्र है उसको पूरा नहीं कर लेती है। इस अवस्था में जो जीवात्मा होती है उसे 'अगति' कहा जाता है। ऐसे में न तो जीवात्मा को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है और न ही नरक लोक की रोगी है।
गरुण पुराण के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन के 7 चक्र होते हैं। हर मनुष्य को जीवन में इन 7 चक्रों को पूरा करना रहता है। अगर कभी कोई मनुष्य इन 7 चक्रों को पूरा नहीं कर पाता है या फिर कह लीजिए कि वो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो मरने के बाद भी उसे कष्टों से छुटकारा नहीं मिलता है। मनुष्य को मरने के बाद भी ढेर सारे कष्टों को झेलना पड़ता है।जिन आत्मा की मृत्यु अकाल तौर पर होती है उन्हें सुख, भूख, प्यास, संभोग, क्रोध, दोष, वासना, राग आदि की पूर्ति के लिए अंधकार में ही भटकते रहना पड़ता है। ये आत्मा तब तक अंधकार में भटकती रहती है जब तक उस आत्मा का परमात्मा के द्वारा निर्धारित जो जीवन चक्र होता है वो पूरा नहीं हो पाता है। जब वो चक्र पूरा हो जाता है तो आत्मा को मुक्ति मिल जाती है।
प्राकृतिक रूप से मरने वाले लोगों को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है, लेकिन कुछ लोगों की प्राकृतिक मृत्यु नहीं होती है जैसा कि अभी हमने आपको ऊपर बताया, तो उन लोगों की जो आत्मा है वो भटकती रहती है। यही भटकती आत्मा बाद में भूत प्रेत बन जाती है और लोगों को परेशान करती है। भूत प्रेत जो शब्द है वो हमेशा अशरीरी अतृप्त आत्माओं के लिए ही उपयोग किया जाता है। इस स्तिथि में होता क्या है कि मनुष्य का शरीर तो नष्ट हो जाता है लेकिन उसकी आत्मा का संसार से बंधन बंधा ही रहता है। जब कोई इंसान मरता है तो सबसे पहले उसके हाथ पैर सुन्न हो जाते हैं, इसके बाद उसका शरीर सुन्न हो जाता है और सबसे अंत में व्यक्ति के मस्तिष्क से हृदय का जो सम्बंध है वो टूट जाता है। फिर जो जीवात्मा होती है वो शरीर से निकल जाती है।
Garud Puran
Garud Puran ke Anusar
C
Sanatan Dharma
dharmarth
sanatan
Jiasa karm Vaisa Fal
Atmahatya karne wale ke sath kya hota hai
Akal Mrityu Kyo Hoti Hai
Dharmik Mantya
thank you dosto plzz support me and like my videos subscribe my channel🙏🙏🙏🙏 thank you🌹❤
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: