ycliper

Популярное

Музыка Кино и Анимация Автомобили Животные Спорт Путешествия Игры Юмор

Интересные видео

2025 Сериалы Трейлеры Новости Как сделать Видеоуроки Diy своими руками

Топ запросов

смотреть а4 schoolboy runaway турецкий сериал смотреть мультфильмы эдисон
Скачать

#1037

Автор: Shri Radhe (Premanand Ji Maharaj)

Загружено: 2025-09-20

Просмотров: 13

Описание: #1037 Ekantik Vartalap | "कर्म-फल भोगना" किसे कहते हैं? क्या बीमारी आदि ही कर्म-फल है? Premanand Ji Maharaj
भारतीय धर्मों के अनुसार, कर्म-फल भोगना का अर्थ है अपने पिछले कर्मों (सोच, वाणी और क्रियाओं) के परिणाम या फलों को अनुभव करना। यह एक सार्वभौमिक नियम है, जिसे 'जैसा बोओगे, वैसा काटोगे' के सिद्धांत से समझा जा सकता है। यह कर्म-फल इसी जीवन में, या अगले जन्मों में भी मिल सकता है।
कर्म-फल भोगने के प्रकार
कर्म-फल कई रूपों में प्रकट हो सकता है, और यह केवल कष्ट या दुख से ही संबंधित नहीं है, बल्कि सुख और समृद्धि भी कर्म-फल का ही हिस्सा है।
सुख और दुख: कर्म-फल के सबसे सामान्य रूप सुख और दुख हैं। हमारे अच्छे कर्मों का फल सुख और शांति के रूप में मिलता है, जबकि बुरे कर्मों का फल दुख, परेशानी और संघर्ष के रूप में मिलता है।
जन्म और परिस्थितियाँ: किसी व्यक्ति का जन्म किस परिवार में, किस परिस्थिति में और किस शारीरिक स्थिति में होगा, यह सब उसके संचित कर्मों पर निर्भर करता है।।
स्वास्थ्य और बीमारी: हाँ, बीमारी भी कर्म-फल का एक रूप हो सकती है, लेकिन यह ही एकमात्र कारण नहीं है।
क्या बीमारी कर्म-फल है?
आयुर्वेद जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में बीमारी के दो मुख्य कारण बताए गए हैं:
दैव (पूर्व जन्म के कर्म): कुछ बीमारियाँ, जिन्हें 'दैवीय' या 'पूर्व कर्म-फल' से उत्पन्न माना जाता है, व्यक्ति के पिछले जन्मों के कर्मों का परिणाम हो सकती हैं।
पुरुषार्थ (वर्तमान कर्म): कुछ बीमारियाँ हमारी अपनी गलतियों (जैसे गलत खान-पान, खराब जीवनशैली या लापरवाही) के कारण होती हैं। ये हमारे वर्तमान कर्मों का फल होती हैं।
कुछ आध्यात्मिक गुरुओं का मानना है कि बीमारियाँ हमें अपने कर्मों को समाप्त करने और आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ने का मौका देती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें सिर्फ हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाना चाहिए।
निष्कर्ष
कर्म-फल भोगना का मतलब अपने कर्मों (अच्छे और बुरे दोनों) के परिणामों का अनुभव करना है।
बीमारी कर्म-फल का एक रूप हो सकती है, लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं है। इसके पीछे वर्तमान जीवनशैली और लापरवाही भी हो सकती है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, कर्म-फल को स्वीकार करना और उससे सीखना महत्वपूर्ण होता है, ताकि हम आध्यात्मिक रूप से विकसित हो सकें।


#bhajanmarg #premanandjimaharaj #ekantikvartalaap #radhakrishna #premanand #premanandjipravachan #premanandmaharaj #katha #motivation ***

FAIR USE:

This video is protected under section 107 of the Copyright Act 1976, which allows for fair use for purposes including criticism commentary, news reporting, teaching, scholarship, education, and research. Fair use is a provision in copyright law that permits the use of copyrighted material under certain circumstances that would otherwise be considered violation.

This video is created Purely for educational purposes and does not have any negative impact. Knowledge To Gain In Divine Teaching of Pujya Shri Hit Premanand Govind Sharan Maharaj Ji.

Не удается загрузить Youtube-плеер. Проверьте блокировку Youtube в вашей сети.
Повторяем попытку...
#1037

Поделиться в:

Доступные форматы для скачивания:

Скачать видео

  • Информация по загрузке:

Скачать аудио

Похожие видео

© 2025 ycliper. Все права защищены.



  • Контакты
  • О нас
  • Политика конфиденциальности



Контакты для правообладателей: [email protected]