Ahoi Ashtami 2024 Puja Vidhi: पहली बार अहोई अष्टमी का व्रत कैसे रखें? भूलकर भी न करें ये गलतियां!
Автор: Bhakti & Puja
Загружено: 2024-10-22
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Ahoi Ashtami 2024 Puja Vidhi: पहली बार अहोई अष्टमी का व्रत कैसे रखें? भूलकर भी न करें ये गलतियां!
अहोई अष्टमी व्रत को विशेष रूप से संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. यह व्रत मुख्य रूप से उत्तर भारत में लोकप्रिय है, और खासकर महिलाएं इसे अपनी संतान के कल्याण के लिए करती हैं. अगर आप पहली बार अहोई अष्टमी का व्रत कर रही हैं, तो कुछ विशेष सावधानियां और नियमों का पालन करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है. ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके और माता अहोई की कृपा बनी रहे. इस दिन कुछ ऐसे काम होते हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे व्रत की शुद्धता प्रभावित हो सकती है. आइए जानते
हैं, अगर आप पहली बार अहोई अष्टमी व्रत का व्रत रख रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और व्रत के दौरान कौन सी गलतियां भूल से भी नहीं करनी चाहिए
Ahoi Ashtami Tithi | अहोई अष्टमी तिथि
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर दिन गुरुवार को सुबह 01 बजकर 08 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 25 अक्तूबर दिन शुक्रवार को सुबह 01 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, अहोई अष्टमी का पर्व 24 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.
अहोई अष्टमी व्रत के दिन इन बातों का रखें ध्यान
व्रत की विधि और पूजन सामग्री
व्रत करने से पहले, व्रत की विधि को सही ढंग से जान लें. अहोई माता की पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री जैसे – जल से भरा कलश, कुमकुम, चावल, मिठाई, दूर्वा, आदि ये सब चीजें पूजा में होनी जरूरी हैं. अहोई माता की तस्वीर या दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं.
व्रत के दिन सूर्योदय से पहले स्नान
व्रत की शुद्धता बनाए रखने के लिए सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें
.सात्विक आहार और निर्जला व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला होता है, जिसमें पूरे दिन पानी भी नहीं पिया जाता. अगर तबीयत सही नहीं है और निर्जला व्रत संभव न हो, तो फल ग्रहण कर सकती हैं.
सूर्यास्त के बाद अहोई माता की पूजा
अहोई अष्टमी की पूजा का समय सूर्यास्त के बाद होता है. इस समय माता अहोई का ध्यान करके, पूजा विधि के अनुसार आरती और प्रार्थना करें. पूजा के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है.
संतान की कुशलता के लिए प्रार्थना
अहोई अष्टमी के दिन खासकर अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें. संतान की सुरक्षा और समृद्धि के लिए अहोई माता से प्रार्थना करना जरूरी है.
तारे देखकर करें व्रत का पारण
तारे दिखाई देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. कुछ स्थानों पर महिलाएं तारे देखकर ही व्रत तोड़ती हैं. तारे को जल अर्पित कर, संतान की मंगल कामना के साथ व्रत समाप्त करें
अहोई अष्टमी व्रत के दिन न करें ये गलतियां
नकारात्मक सोच और व्यवहार से बचें
अहोई अष्टमी व्रत के दिन मन को शांत और सकारात्मक रखना बेहद जरूरी होता है. किसी के साथ विवाद या कलह से बचें. नकारात्मक विचार, क्रोध, और निराशा से खुद को दूर रखें.
झूठ बोलने से बचें
इस दिन सच बोलने और सच्चाई का पालन करना विशेष महत्व रखता है. झूठ बोलने या किसी को धोखा देने से व्रत का फल कम हो सकता है.
व्रत के बीच पानी या भोजन न करें
अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला होता है, इसलिए दिनभर बिना पानी और भोजन के व्रत रखना चाहिए. हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से यदि निर्जला व्रत संभव न हो, तो फलाहार कर सकते हैं.
चंद्रमा को नहीं देखते हैं
मान्यता के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं किया जाता. इसलिए सूर्यास्त के बाद तारे देख कर ही व्रत का पारण करें.
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