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किरार समाज का इतिहास

Автор: Avinash Thakur

Загружено: 2025-09-12

Просмотров: 873

Описание: किरार समाज का इतिहास काफी प्राचीन और विस्तृत है, लेकिन इसके बारे में एक निश्चित और पूर्ण ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। विभिन्न शोधकर्ताओं और इतिहासकारों के अनुसार, किरार समाज की उत्पत्ति और विकास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं:
उत्पत्ति और नामकरण
किराडू से संबंध: माना जाता है कि किरार समुदाय की उत्पत्ति राजस्थान के जोधपुर और बाड़मेर जिलों में स्थित 'किराडू' नामक स्थान से हुई है। इसी स्थान पर रहने वाले समुदाय को पहले 'किराड़' और बाद में 'किरार' कहा जाने लगा।
किरात जनजाति: कुछ इतिहासकारों का मानना है कि किरार शब्द की उत्पत्ति 'किरात' शब्द से हुई है। किरात एक प्राचीन जनजाति थी, जिसका उल्लेख महाभारत जैसे हिंदू धर्मग्रंथों में भी मिलता है। ये जनजाति शिकारी-संग्रहकर्ता और वनवासी के रूप में जानी जाती थी।
कृषि से संबंध: किरार एक हिंदू कृषि प्रधान जाति है, जिसका पारंपरिक व्यवसाय खेती है। 'किर' शब्द का अर्थ 'किनारा' भी होता है और कुछ सिद्धांत यह बताते हैं कि ये लोग नदी के किनारे की उपजाऊ भूमि पर खेती करते थे, इसलिए इन्हें 'किरार' कहा गया।
ऐतिहासिक मान्यताएं
क्षत्रिय मूल: किरार समाज के लोग स्वयं को राजपूतों से जुड़ा हुआ मानते हैं और खुद को 'किरार क्षत्रिय' कहते हैं। कुछ लेखकों का मत है कि यह समाज चौहान गुर्जर क्षत्रिय जाति की उपजाति है या क्षत्रिय वंशजों से बना एक समूह है।
पलायन और विस्तार: माना जाता है कि मुगल आक्रमणों के बाद किरार लोग राजस्थान से मध्य भारत के विभिन्न हिस्सों में पलायन कर गए। आज यह समाज मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में पाया जाता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू
कुलदेवी: किरार समाज की कुलदेवी माँ गंगा हैं। इसके साथ ही, कई स्थानों पर शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा और सर्प देवता की भी पूजा की जाती है।
व्यवसाय: वर्तमान में, किरार समाज का मुख्य व्यवसाय कृषि है, लेकिन वे अन्य क्षेत्रों में भी प्रगति कर रहे हैं।
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): भारत सरकार ने किरार जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की श्रेणी में वर्गीकृत किया है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किरार समाज के इतिहास से संबंधित ये सभी जानकारी अलग-अलग स्रोतों पर आधारित हैं और इनमें कुछ मतभेद भी हो सकते हैं। समाज के इतिहास को जानने के लिए और अधिक शोध और अध्ययन की आवश्यकता है।

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