गेहूं की सबसे अधिक पैदावार देने वाली 4 नई वैरायटी wh1270| DBW187 | dbw303 | dbw327 Top wheat variety
Автор: Kheti wala
Загружено: 2024-09-12
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गेहूं की सबसे अधिक पैदावार देने वाली 4 नई वैरायटी ।I Wheat Top Variety in 2024 ।।गेंहू की नईं किस्म
डॉ.ओमप्रकाश बिश्नोई, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक HAU HISAR
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------- DBW 327(करण शिवानी )
ये गेहूं की सबसे ज़्यादा पैदावार वाली क़िस्म है। इसका पैदावार 80 कुंटल प्रति हेक्टेयर है, इस गेहूं की क़िस्म से जुड़े कुछ ज़रूरी बातें जो किसान को जानना चाहिए, जैसे यह किस्म अगेती बुआई के लिए उपयोगी मानी जाती है। पीला और भूरा रतुआ रोग की सभी प्रमुख रोगप्रकारों के लिए प्रतिरोधक है।
यह किस्म उच्च तापमान और सूखे के प्रति अवरोधी पाई गई है।
एक हेक्टेयर खेत के लिए 100 किलो बीज पर्याप्त है।
इस खास किस्म में बुवाई के 98 दिनों में बालियां निकल आती हैं।
DBW 327 बुवाई के 155 दिनों बाद पककर तैयार हो जाती है।
चपाती/ रोटी के लिए गेहूं की यह किस्म अच्छी है।
-------- Wh 1270 गेहूं किस्म
WH 1270 गेहूं का बेहतरीन बीज जो दे 90 मन पैदावार। जानिए पूरी जानकारी Dr.OP Bhisnoil HAU HISAR
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New wheat variety WH 1270
गेहूं की नई अगेती किस्म डब्ल्यू एच 1270 से बढ़ेगा उत्पादन।
उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र की सिंचित दशा में अगेती बिजाई के लिए।
जलवायु एवं क्षेत्र की उपयुक्तता?
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय , हिसार द्वारा विकसित गेहूं की किस्म डब्ल्यू एच 1270 को भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी भाग के लिए सिंचित क्षेत्र में अगेती बिजाई वाली खेती के लिए वर्ष 2021 में अधिसूचित किया गया है।
डब्ल्यू एच 1270 की उत्पादन विशेषताएं
अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के गेहूं परीक्षणों में इस किस्म की औसत उपज 75.8 क्विंटल /है ० पाई गई है जो की एच डी 2967 एवं एच डी 3086 से क्रमश: 17. 8 % एवं 4.1 % अधिक है।
इस किस्म के द्वारा उत्पादन परीक्षणों में 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की रिकॉर्ड पैदावार क्षमता दर्ज की गई है।
रोग प्रतिरोधिता
यह किस्म पीला , भूरा व काला रतुआ की सभी प्रमुख रोगजनक प्रकारों के लिए प्रतिरोधक पाई गई है।
दानों की गुणवत्ता ?
डब्ल्यू एच 1270 के दानों में उच्च प्रोटीन मात्रा 12.4 % पाई जाती है।
डब्ल्यू एच 1270 किस्म की विशेषताएं
बाली निकलने की अवधि ( दिनों में) औसत – 100
पकने की अवधि (दिनों में) औसत- 156
पौधों की ऊंचाई ( सेंटीमीटर ) औसत – 100
1000 दानों का वजन ( ग्राम)औसत- 46
डब्ल्यू एच 1270 की उत्पादन पद्धति एवं क्षेत्र की उपयुक्तता?
यह किस्म उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्र के सिंचित दशा में अगेती बिजाई के लिए उपयुक्त है।
बीज उपचार:-
गेहूं में खुली व पत्तों की कांगियारी रोग से बचाव के लिए कार्बोकसिन या कार्बेंडाजिम 2 ग्राम प्रति किलो या टेबुकोनाजोल 1 ग्राम प्रति किलो से बीजोपचार करें।
बिजाई का उचित समय:-
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर का प्रथम सप्ताह बिजाई का उचित समय है।
बीज दर और अंतराल:-
100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल करके , पंक्तियों के बीच 20 सेंटीमीटर की दूरी के साथ बिजाई करनी चाहिए।
सिंचाई :-
गेहूं की फसल में सामान्यतः 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है।
औसत उपज:-
75.8 क्विंटल प्रति हैक्टेयर।
उत्पादन क्षमता:-
91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
------ Karan Vandana DBW 187:
सबसे ज्यादा उपज देने वाली है गेहूं की ये नई किस्म, जानिए विशेषताएं
करण वंदना (DBW 187) पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों की सिंचित समय पर बुवाई की जाने वाली गेहूं की नवीनतम किस्म है. Karan Vandana (DBW 187) की उत्पादन क्षमता 32.8 क्विंटल प्रति एकड़ यानि करीब 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
#DBW187
करण वंदना (DBW 187) पत्तों के झुलसने और उनके अस्वस्थ दशा जैसी महत्त्वपूर्ण बीमारियों के खिलाफ बेहतर प्रतिरोध करता है. बुवाई के 77 दिनों बाद करण वंदना फूल देती है और 120 दिनों बाद परिपक्व हो जाती है. वहीं, करण वंदना (DBW 187) की औसत ऊंचाई 100 सेमी है, जबकि इसकी उत्पादन क्षमता 32.8 क्विंटल प्रति एकड़ यानि करीब 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इसके अलावा, औसत उपज 61.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
गेंहू की करण वंदना (DBW 187) किस्म की विशेषताएं (Features of DBW-187 Wheat)
• इस किस्म की पैदावार लगभग 6 टन प्रति हेक्टेयरहै.
• गेहूं की यह किस्म पीले रतुआ और गेहूं ब्लास्ट रोग के लिए प्रतिरोधी है.
• गेहूं की इस किस्म को 5-6 सिंचाई की जरूरत होती है.
• पहली सिंचाई 20-25 दिन उसके बाद 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जरूरत होती है.
• इसकी उत्पादन क्षमता 32.8 क्विंटल प्रति एकड़ यानि करीब 82 कुंटल प्रति हेक्टेयर है.
• औसत उपज 61.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
• ये देरी से बुवाई करने पर भी बेहतर उत्पादन देती है.
• बुवाई 5 नवंबर से 25 नवंबर तक किया जा सकता है.
• सिंचित और समय पर बुवाई की स्थिति में 77 दिनों में फूल आ जाते हैं और 140 दिनों में फसल परिपक्व हो जाती है
------ dbw303 विशेषता
गेहूं की किस्म डीबीडब्ल्यू-303 की खासियत (Specialties Of Wheat Variety DBW-303)
गेहूं की इस किस्म को करण वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है. इस किस्म से किसान भाई 81.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. गेहूं की इस किस्म से फसल 145 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस गेहूं से बनी रोटियां भी बहुत स्वादिष्ट और सेहतमंद मानी जाती हैं. इस किस्म में प्रोटीन 12 पीपीएम, जिंक 42 पीपीएम व आयरन 43 पीपीएम पाया जाता है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान भी इस किस्म से अगले सीजन में भी इसकी खेती कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
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