एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming System -IFS) से किसान का खेती बनेगी टिकाऊ |
Автор: Sudipta Satpati
Загружено: 2025-08-03
Просмотров: 12196
Описание:
एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming System - IFS) एक टिकाऊ कृषि पद्धति है जो विभिन्न कृषि गतिविधियों को एक साथ जोड़ती है, जैसे कि फसल उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, और वानिकी। इसका उद्देश्य संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना, उत्पादकता बढ़ाना, और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना है।
एकीकृत कृषि प्रणाली के मुख्य घटक:
फसल उत्पादन:
विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं, जो एक दूसरे के पूरक हों और पोषक तत्वों का चक्रण सुनिश्चित करें।
पशुपालन:
गाय, बकरी, मुर्गी, आदि जैसे पशुधन शामिल होते हैं, जो फसल उत्पादन के लिए खाद प्रदान करते हैं और अतिरिक्त आय का स्रोत होते हैं।
मत्स्य पालन:
तालाबों में मछली पालन किया जाता है, जो भोजन और आय का स्रोत प्रदान करता है।
वानिकी:
पेड़-पौधे लगाए जाते हैं, जो पर्यावरण को संतुलित करते हैं और लकड़ी, फल, आदि प्रदान करते हैं।
अन्य गतिविधियाँ:
मधुमक्खी पालन, वर्मीकम्पोस्टिंग, आदि जैसी गतिविधियाँ भी शामिल हो सकती हैं।
एकीकृत कृषि प्रणाली के लाभ:
अधिक आय:
विभिन्न घटकों के एकीकरण से, किसान पूरे वर्ष आय प्राप्त कर सकते हैं।
कम लागत:
एक घटक से दूसरे घटक के लिए संसाधनों का उपयोग करने से लागत कम होती है।
पर्यावरण संरक्षण:
प्राकृतिक संसाधनों का कुशलता से उपयोग होता है, जिससे पर्यावरण पर कम दबाव पड़ता है।
खाद्य सुरक्षा:
विविध प्रकार के खाद्य पदार्थों का उत्पादन होता है, जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
टिकाऊ कृषि:
यह पद्धति दीर्घकाल तक चलने वाली है और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करती है।
उदाहरण:
एक किसान चावल के साथ-साथ मछली, मुर्गीपालन, और बत्तख पालन भी कर सकता है। चावल के अवशेषों का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जा सकता है, और पशुओं का गोबर खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
एकीकृत कृषि प्रणाली एक प्रभावी और टिकाऊ कृषि पद्धति है जो किसानों को अधिक आय, कम लागत, और बेहतर पर्यावरण प्रदान करती है। यह पद्धति न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह देश की खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: