जब उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। 28 अक्टूबर को सुबह
Автор: RAJ Kumar
Загружено: 2025-10-28
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Описание: सूर्या उदय छठी छठ पूजा के चौथे और अंतिम दिन होता है, जब उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह दिन निर्जला उपवास का समापन करता है और व्रती महिलाएं सुबह घाट या नदी के पानी में खड़ी होकर सूर्य देव को जल अर्पित करती हैं। 2025 में 28 अक्टूबर को सूर्योदय का समय लगभग सुबह 6:29 से 6:30 के बीच है, इस समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस अर्घ्य देने की पूजा के दौरान व्रती अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।छठ पूजा में छठी माता को भी विशेष पूजा की जाती है, जिन्हें सूर्य की बहन माना जाता है। यह व्रत बहुत कठोर माना जाता है, जिसमें शुद्धता का विशेष ध्यान रखना होता है। छठी माता की पूजा से धन-लाभ, संतान की रक्षा और लंबी आयु की मान्यता है। छठी के दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होता है।संक्षेप में;छठ पूजा का चौथा दिन (सूर्या उदय छठी) 28 अक्टूबर 2025 को सुबह 6:29-6:30 बजे तक उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय है।व्रती महिलाएं घाट या पवित्र जल में खड़ी होकर सूर्य देव को जल अर्पित करती हैं।यह दिन निर्जला उपवास का समापन भी होता है।पूजा परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की लंबी आयु के लिए होती है।यह अर्घ्य देने की परंपरा सूर्य को जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और सकारात्मकता देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है�����.
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