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नर हो न निराश करो मन को (मैथिली शरण गुप्त)जी की प्रेरणादायक कविता (कविता)
Автор: Sejal Mishra Mili
Загружено: 2025-08-20
Просмотров: 54
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नर हो ना निराश करो मन को कुछ काम करो कुछ नाम करो
मैथिलीशरण गुप्त जी की एक बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायक कविता ---
नर हो न निराश करो मन को जग में रहकर कुछ काम करो कुछ नाम करो कुछ काम करो
भावार्थ
कवि कह रहे हैं कि मनुष्य को कभी भी निराश नहीं होना चाहिए।
हमें अपने जीवन को व्यर्थ नहीं गंवाना है, बल्कि परिश्रम और कार्य से अपने नाम को जग में उजागर करना है।
अवसर (समय) को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए, क्योंकि एक बार खोया हुआ समय वापस नहीं आता।
असफलता से घबराना नहीं है, बल्कि उससे सीखकर आगे बढ़ते रहना है।
निरंतर प्रयास, संघर्ष और आत्मविश्वास ही सफलता का मार्ग है। #हिन्दी
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