निराश जीवन में आशा की किरण जगा देगी एक कविता। |
Автор: DHARAM RAJ PRASAD
Загружено: 2020-08-20
Просмотров: 398
Описание: इस कोरोना काल में बहुत ज्यादा निराशा बाद में जन्म लिया है कोरोना काल के कारण उत्पन्न बेरोजगारी के कारण कई लोगों के मस्तिष्क में एक उदासी छा गई है और घनघोर धुंधले अंधेरी अंधेरी दिखने लगी है इस कविता के माध्यम से अंधेरों को दूर करने का प्रयास किया गया है और यह भी बताने का प्रयास किया गया है और जो कि सही भी है कि समस्या उतनी बड़ी नहीं है जितनी बड़ी हमें दिख रही है अभी की परिस्थितियों के हिसाब से अभी के धुंधले बेरोजगारी के रूप के हिसाब से जो प्रतीत हो रहा है हमेशा का रात माता के प्रचार से इस समस्या से निजात पाना होगा।
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: