कर्ण की गुरु दक्षिणा में हार का विश्लेषण । कर्ण की दिग्विजय । करण की एक और असत्य कथा ।
Автор: Gopsns
Загружено: 2023-08-23
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कर्ण की गुरु दक्षिणा में हार का विश्लेषण । कर्ण की दिग्विजय । करण की एक और असत्य कथा ।
कर्ण के बारे में एक झूठी कहानी कर्ण गुरु द्रोण की गुरु दक्षिणा युद्ध में द्रुपद के खिलाफ दुर्योधन के साथ द्रुपद को बंदी बनाने गए थे उस युद्ध में दुर्योधन की हार हुई थी और कर्ण को भी दुर्योधन के साथ वहां से भागना पड़ा था यह बात व्यास महाभारत में इस प्रकार उल्लेखित है की गुरु दक्षिणा युद्ध में गुरु द्रोण ने सबसे पहले कर्ण और दुर्योधन को भेजा था यह कथन सिर्फ लोगों तक ही सीमित है खुद व्यास महाभारत में गुरु दक्षिणा युद्ध का वर्णन केवल 4 लाइनों में किया गया है जिसमें किसी राजकुमार के गुरु दक्षिणा युद्ध में हारने का कोई जिक्र नहीं किया गया है केवल इतना ही वर्णित है कि अर्जुन ने द्रुपद को हराया था और उन्हें बंदी बनाया था साथ ही यह भी लिखा है कि गुरु दक्षिणा युद्ध में केवल कुरू राजकुमार ही गए थे कुरु राजकुमारों ने ही इस गुरु दक्षिणा युद्ध में भाग लिया था अब क्योंकि कर्ण कोई कुरु राजकुमार नहीं थे तो वह इस युद्ध में भाग क्यों ही लेते इसी बात को ध्यान में रखते हुए बोरी क्रिटिकल एडिशन ने इस संस्करण को ऐसे लिखा है कि पांडव और कौरव युद्ध मिलकर द्रुपद को बंदी बनाने के लिए गए थे अलग-अलग जाने का कोई वर्णन नहीं है द्रोणाचार्य की गुरु दक्षिणा महाभारत का एक और विवादित संस्करण है जो कहीं से भी कर्ण की द्रुपद के हाथों हार को सिद्ध नहीं करता हम आपको बता देना चाहेंगे कि कर्ण ने अपनी दिग्विजय में सबसे पहले पांचाल देश को ही जीता था जिसके राजा खुद द्रुपद थे उस समय कर्ण अकेले ही उस देश को जीतने में सफल रहे थे तो यह बात मानना बिलकुल नासमझी सी है कि कर्ण को द्रुपद ने कभी हराया होगा यह सारी बातें हमने आपको मूल महाभारत व्यास संहिता से बताई हैं
No, Drupad didn't defeat karna in the guru dakshina war. Karna didn't went in guru dakshina war. It was the son of gandhari and Dhirtrashtra whose also name was Karna. It was not Radheya karna.
Proof
smiting the Panchalas on their way, laid siege to the capital of the great Drupada. And Duryodhana and Karna and the mighty Yuyutsu, and Duhsasana and Vikarna and Jalasandha and Sulochana,--these and many other foremost of KSHTRIYA PRINCES of great prowess, vied with one another in becoming the foremost in the attack.
Sacred text
Here it is clearly mentioned that all are kshatriyas but karna was not known to be kshatriya that time so it was another karna from kauravs.
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