अल्लाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर बहस: क्या निजी अंग को छूना दुष्कर्म है?"
Автор: Education Knowledge Power
Загружено: 2025-03-23
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अल्लाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर बहस: क्या निजी अंग को छूना दुष्कर्म है?"
अल्लाहाबाद HC का बड़ा निर्णय: व्यक्तिगत अंग को छूना अपराध, दुष्कर्म नहीं!"
"कानून का नया आयाम: निजी अंग को छूना क्या है दुष्कर्म?"
"अल्लाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर बहस: क्या निजी अंग को छूना दुष्कर्म है?"
"महिला अधिकार: अल्लाहाबाद HC का मायने और निजी अंग को छूने का कानून"
"दुष्कर्म या अपराध? अल्लाहाबाद HC का विवादित फैसला"
Allahabad HC: "स्तन को पकड़ना रेप नहीं"...लड़कियों ने जज को सुना...!| Kasganj Assault Case
🚨 अल्लाहाबाद हाईकोर्ट का ताजा फैसला उसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है! 🚨 "क्या निजी अंगों को छूना दुष्कर्म है?" इस सवाल पर बहस अब गरमाई हुई है। इस वीडियो में हम जानेंगे हाईकोर्ट के निर्णय के पीछे के स्वतंत्रता के अधिकार, परवाह (Consent) और भारतीय कानून पर गहन दृष्टि। 🎥💭 साथ ही, हम समाज के विभिन्न तबकों की प्रतिक्रियाओं और इस फैसले के प्रभावों पर चर्चा करेंगे। 🤔👥
क्या आप इस बहस से सहमत हैं? अपने विचार इस विवादस्पद विषय पर हमें कमेंट्स में बताएं! ✅
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• अल्लाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर बहस: क्या ...
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Allahabad HC :"एक लडकी के निजी अंग को पकडना " रेप केस में नही आता।
Allahabad HC:लडकी के निजी अंग को पकडना। दुष्कर्म नही बल्कि ।अपराध है
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यौन अपराध के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि एक लड़की का निजी अंग पकड़ना और उसकी पायजामी का नाड़ा तोड़ना, आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) का मामला नहीं है, बल्कि ऐसा अपराध धारा 354 (बी) (किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है. यह आदेश दो व्यक्तियों द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने पारित किया. इन आरोपियों ने कासगंज के विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए यह पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। जिसके बाद से जज साहब का ये फैसला आया था। इसके बाद हमारी टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर लोगों से बात की...सुनिए लोगों ने क्या कुछ कहा...!
While hearing a case of sexual crime, the Allahabad High Court has said that holding a girl's private part and breaking her pyjama's string is not a case of IPC section 376 (rape), but such a crime falls under the category of crime under section 354 (B) (assault with intent to disrobe a woman). This order was passed by Justice Ram Manohar Narayan Mishra while hearing a revision petition filed by two persons. These accused had filed this revision petition challenging an order passed by the special judge of Kasganj. After which this decision of the judge came. After this, our team reached ground zero and talked to the people... Listen to what people said...!
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