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Book Cafe 273 | Nand Chaturvedi की कविता संग्रह 'हम नयी कविताएं लिखते हैं' | Sahitya Tak

Hum Nayi Kavitayen Likhte Hain

NAND CHATURVEDI

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Автор: Sahitya Tak

Загружено: 2022-04-01

Просмотров: 764

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मैं नाराज भी हो सकता हूं
एक दिन अपने देश से
एक दिन प्रचण्ड हवा की तरह
कठिन रास्तों पर चलते हुए
इस तरह शांत कर सकता हूं
मन
गालियां देते हुए दुनिया और दोस्तों को
और देश को... आज शुक्रवार है और साहित्य तक के बुक कैफे के 'एक दिन, एक किताब' कार्यक्रम में वादे के मुताबिक वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने नन्द चतुर्वेदी की हिमांशु पण्ड्या द्वारा सम्पादित कविता संग्रह 'हम नयी कविताएं लिखते हैं' को शामिल किया है. नन्द चतुर्वेदी हिन्दी के सम्भवत: आखिरी कवि थे, जो हिन्दी की सुदीर्घ काव्य-यात्रा में सहभागी रहे. उनकी यह सहभागिता हमेशा प्रासंगिक और अर्थपूर्ण भी रही. उन्होंने उपनिवेशकाल के अन्तिम चरण में कविता के ब्रजभाषा के दौर में लिखना शुरू किया और इक्कीसवीं सदी की शुरुआत में हिन्दी कविता के प्रौढ़ हो जाने तक लिखते रहे. उन्होंने हिन्दी कविता के विकास के तमाम उतार-चढ़ाव देखे और उसमें शामिल भी रहे. वे सब आन्दोलन, प्रवृत्तियां और प्रभाव, जो हिन्दी कविता में आए-गये, उनकी पदचाप उनकी कविता में सुनी जा सकती है. उनकी कविता इन सब में थी, उसने इनसे लिया-दिया भी, लेकिन यह इनमें से किसी एक की नहीं हुई. नन्द चतुर्वेदी कहीं भी नहीं ठहरे और इसलिए कभी नहीं चुके. समय नन्द चतुर्वेदी की कविता की धुरी है. उनकी कविता समय के साथ चलती है और कुछ हद तक उससे आगे भी जाती है. उनकी कविता में समय बहुत पारदर्शी है. यह बहुत निर्मम होकर अपने समय को समझती-पहचानती है. नन्द चतुर्वेदी की कविता समय में गहरे डूबी कविता है, लेकिन यह समय में उहरी और उससे बंधी कविता नहीं है. उनका सम्पूर्ण जीवन उनके कवि और समाजवादी कार्यकर्ता के बीच आवाजांही में निकला. वाग्देवी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 150 पृष्ठों की इस कविता संग्रह का मूल्य 199 रुपए है.
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साहित्य तक का 'बुक कैफे' पुस्तक प्रेमियों को समर्पित कार्यक्रम है. पाठकों, प्रकाशकों, लेखकों से मिले प्यार और अनुरोध के बाद 'बुक कैफे' अब सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक 'एक दिन, एक किताब' के रूप में आपके समक्ष आ रहा है. इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय हर दिन आपको एक नई किताब के बारे में बताते हैं. इस कार्यक्रम में आप कैसी किताबों की चर्चा चाहते हैं, इन पर अपनी राय हमें जरूर लिखें. अगर आप प्रकाशक हैं, तो आपके नए प्रकाशनों का स्वागत करने में हमें खुशी होगी, बशर्ते वे हमारी कसौटी पर खरा उतरें.
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