आक वीर साधना क्या है, इस बारे में पूरी जानकारी | aak veer sadhna
Автор: Mrityu Ka Sagar
Загружено: 2024-05-28
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आक वीर साधना क्या है, इस बारे में पूरी जानकारी | aak veer sadhna
आक वीर साधना एक विशेष प्रकार की तांत्रिक साधना है जो आक (मदार) के पौधे की सहायता से की जाती है। यह साधना सामान्यतः तंत्र-मंत्र के क्षेत्र में की जाती है और इसमें आक के पौधे की पूजा और मंत्रोच्चारण किया जाता है। माना जाता है कि आक वीर साधना करने के कारण से भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है । इस साधना को करने के कारण से मानव को अनेक मनोकामनाओं की पूर्ति, शत्रुओं पर विजय, बाधाओं का नाश, भय और संकटों से मुक्ति, तथा साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि प्रदान करने के लिए विख्यात है।
अगर आप भी आकवीर साधना करना चाहते है और इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो इस विडियो में हम आपको सब कुछ बताएगे । आप बस चैनल को सब्सक्राइब कर, विडियो को देखते रहे ,
सबसे पहले आपको पता होना चाहिए की यह साधना 11 दिनों तक की जाती है, और शुक्ल पक्ष के मंगलवार से इसकी शुरुआत करना शुभ माना जाता है। इसका मतलब है की मंगलवार को इसकी शुरुआत करनी है और फिर इसे लगातार 11 दिन तक करते रहना है ।
अब हम जानते है की आकवीर साधना करने की के प्रमुख तत्व क्या क्या होते है। मतलब हमे किन चिजो की जरूरत पड़ने वाली है आइए जानते है,
1. आक का पौधा: आक (मदार) का पौधा इस साधना का मुख्य तत्व होता है। इसे वीर साधना में विशेष महत्व दिया जाता है। इस कारण से दोस्तो आपको आक का पौधा ढूंढना होगा और उसकी पूजा करनी होती है ।
2. मंत्र: साधना के दौरान विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है जो साधना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। और आपको यह पता होना चाहिए की मंत्र क्या है, जिसके बारे में हम आगे बात करेगे ।
3. पूजा सामग्री: साधना के लिए अन्य सामग्री जैसे दीपक, अगरबत्ती, फूल, चावल, लाल कपड़ा आदि की आवश्यकता होती है। इस कारण से इन्हे इकट्ठा कर ले ।
अब हम आपको बताते है की आकवीर साधना की विधि क्या होती है,
आपको पहले बता दे की आकवीर साधना करने के लिए आप नए आक के पौधे को स्थापित कर सकते है, और नए किसी पूराने पौधे का उपयोग भी कर सकते है । और बाकी इसकी विधि कुछ ऐसे है —
1. साधना का समय और स्थान:
साधना को आमतौर पर रात के समय, विशेषकर मध्यरात्रि को करना उचित माना जाता है।
साधना के लिए एकांत और शांत स्थान चुनें।
2. तैयारी:
साधना से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद में आप साधना स्थल को साफ करें और वहाँ एक आसन बिछाएँ। अब आपको आक के पौधे को साधना स्थल पर रखें।
3. पूजा सामग्री की व्यवस्था:
आक के पौधे के सामने दीपक जलाएं।
अगरबत्ती जलाकर पौधे के चारों ओर घुमाएं।
फूल और चावल अर्पित करें।
लाल कपड़ा आक के पौधे के ऊपर रखें।
4. मंत्र उच्चारण:
आक वीर साधना के विशेष मंत्र का उच्चारण करें। यह मंत्र साधना के दौरान लगातार जपना होता है। उदाहरण के लिए:
ॐ नमः आक वीराय, मदार मंजरि स्वाहा
इसके अलावा आकवीर हनुमानजी के लिए भी किया जाता है तो ऐसे में ॐ हनुमते नमः मंत्र का जाप कर सकते है ।
दोनो में से किसी एक मंत्र का जाप कर सकते है ।
5. ध्यान और एकाग्रता:
मंत्र जपते समय पूरी तरह से ध्यान आक के पौधे पर केंद्रित रखें।
मन में किसी भी प्रकार के विकार न आने दें और पूरे मनोयोग से मंत्र का उच्चारण करें।
6. साधना की अवधि:
साधना को नियमित रूप से कुछ दिनों तक करें, आमतौर पर 11 या 21 दिन तक।
साधना के दौरान नियमों का पालन करें और अनुशासित रहें।
साधना पूरी होने के बाद आक के पौधे को किसी पवित्र स्थान पर स्थापित करें या प्रवाहित कर दें। यह साधना पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ की जानी चाहिए, ताकि इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकें।
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