संविधान निर्माण में इन नेताओं औ उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ: क. मोतीलाल नेहरू1.संविधान सभा के अध्यक्ष
Автор: The Study Adda
Загружено: 2025-09-07
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NCERT Class 9 Political Science Chapter 2 | Constitutional Design | NCERT Exercise Solutions in Hindi Full Video - • Chapter 2 संविधान निर्माण | NCERT Class 9...
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इस वीडियो में हम कक्षा 9 एनसीईआरटी राजनीति विज्ञान (Political Science) के अध्याय 2 "संवैधानिक निर्माण (Constitutional Design)" के सभी एक्सरसाइज प्रश्नों के हल (Exercise Solutions) विस्तार से समझेंगे।
यह वीडियो हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है, जिससे वे परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकें।
वीडियो में शामिल प्रश्न
1. दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में, इनमें से कौन-सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण थाः
क. दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का
ख. स्त्रियों और पुरुषों का
ग. गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
घ. रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का
2. लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन-सा प्रावधान नहीं रहता?
क. शासन प्रमुख के अधिकार
ख. शासन प्रमुख का नाम
ग. विधायिका के अधिकार
घ. देश का नाम
3. संविधान निर्माण में इन नेताओं औ उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ: उनक
क. मोतीलाल नेहरू
1. संविधान सभा के अध्यक्ष
ख. बी.आर. अंबेडकर
2. संविधान सभा की सदस्य
ग. राजेंद्र प्रसाद
3. प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
घ. सरोजिनी नायडू
4. 1928 में भारत का संविधान बनाया
3. Match these leaders and their role in the making of the Constitution:
a. Motilal Nehru 1. President of the Constituent Assembly
b. B.R. Ambedkar 2. Member of the Constituent Assembly
c. Rajendra Prasad 3. Chairman of the Drafting Committee
d. Sarojini Naidu 4. Made the Constitution of India in 1928
3. sanvidhaan nirmaan mein in netaon au unakee bhoomika mein mel baithaen: ka. moteelaal neharoo 1. sanvidhaan sabha ke adhyaksh kh. bee.aar. ambedakar 2. sanvidhaan sabha kee sadasy ga. raajendr prasaad 3. praaroop kametee ke adhyaksh gh. sarojinee naayadoo 4. 1928 mein bhaarat ka sanvidhaan banaaya
5. जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें :
क. नेहरू ने क्यों कहा कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है?
ख. नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं?
ग. वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे?
घ. "हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है।" वे इस कथन में किसका जिक्र कर रहे थे?
6. हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।
क. संप्रभु
सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी। 1.
ख. गणतंत्र
2. फ़ैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
ग. बंधुत्व
3. शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
घ. धर्मनिरपेक्ष
4. लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
7. कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक राजनैतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज़्यादा अधिकार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की मांग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।
8. भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्त्वपूर्ण कारण मानते हैं?
क. अंग्रेज़ शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के ज़रिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।
ख. हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आज़ादी न दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।
ग. हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
9. 1912 में प्रकाशित 'विवाहित महिलाओं के लिए आचरण' पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें:
"ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक और भावनात्मक, दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है-कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरुषों की सेवा में में समर्पित कर सकती हैं।" क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ़ हैं?
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