🕉️🪷🌺🌹 गीत गोविंद महान विभुती संत भक्त योगि लिलाधर जयदेवजी द्वारा रचित🌹🌺🪷🕉️
Автор: Praan dpur1
Загружено: 2025-11-05
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🕉️🪷🌺🌹 महान विभुती संत भक्त योगि लिलाधर चैतन्य महाप्रभु या गौरोग महा प्रभु🌹🌺🪷🕉️
महान भगवत प्रेमी चैतन्य महाप्रभु
कृष्ण प्रेम हमेशा डुबे रहथे थे
दिनरात केवल नामने भावविभोर अवस्था मे रहते थे🕉️🪷🌺🌹 अय्यप्पा स्वामी कार्तिक स्वामी🌹🌺🪷🕉️
चलते फिरते खाने नहाते सभी समय कृष्ण प्रेमकी सागर मे रहते थे
लगवत नाम की गरिमा को हिमालय की चोटी पर स्थापित किया
अतः बंगालकी संस्कृती मे उन्हीक नाम सुवर्णा कित हुआ
उन्ही के हृदय कमल में एक विशेष प्रकाश पुंज दिखता था
शायद कृष्णप्रेमके युग का ये चिन्ह था
. रचित गीव गरेविंद मे एक श्लोक खुद्द भगवान इवारकाधिशने लिखा है
यह एक प्रासादिक रच .ना है
भक्तननोंकी आस्था और अनुभव है कि खुद्द ये गील सुनने के लिए भगवान लाला दित रहते है
हेसगीव का माठ विशेष सावधानीसे करता चाहिए
भगवान के लिए आसत व्यवस्था होती चाहिए
पाठ करते समय अजना भी आसत स्थिर होत चाहिए
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