वन अधिकार अधिनियम FRA 2006 विस्तृत जानकारी, प्रक्रिया, पात्रता व अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों सहित
Автор: Delight Education
Загружено: 2023-02-15
Просмотров: 50018
Описание:
आदि काल से वनों में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति तथा परंपरागत वन निवासियों के अधिकारों को अभिलिखित नहीं किया गया। अंग्रेजो द्वारा वर्ष 1865 में राजस्व में वृद्धि के उद्देश्य से वन विभाग के गठन के बाद से वर्तमान तक तत्कालीन सरकारों द्वारा अनेकों अनेक वन अधिनियम लागू कर वन और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए नियम बनाएं परन्तु वनों पर आश्रित लोगों के अधिकारों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया उल्टा इन अधिनियमों को लागू करने के साथ साथ आदिकाल से इन वनों पर आश्रित वन निवासियों को ही धीरे धीरे अतिक्रमणकारी घोषित कर दिया गया जबकि ये लोग तो वन विभाग के गठन से पूर्व से ही वनों पर आश्रित होने के साथ ही वन निवासी थे।
आखिरकार वर्ष 2006 में केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने माना कि आदि काल से वनों पर आश्रित अनुसूचित जनजाति तथा परंपरागत वन निवासियों के साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ है और इन वन भूमि में बसे लोगों को अधिकार देने हेतु वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू किया, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया प्रारम्भ कर लोगों को वन भूमि पर राजस्व ग्राम के अधिकार दिए जाने हैं।
परन्तु 2006 में अधिनियम के लागू होने के बावजूद अभी तक वन भूमि पर आश्रित लोगों को उनके अधिकार प्रशासन द्वारा नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसा क्यों ? जानने के लिए देखें....
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न हेतु नीचे क्लिक करें
https://drive.google.com/file/d/1CQ4g...
वन अधिकार अधिनियम 2006
https://drive.google.com/file/d/1DV3N...
वन अधिकार अधिनियम 2006 अधिसूचना
https://drive.google.com/file/d/1R__W...
दावा प्रपत्र
https://drive.google.com/file/d/1DV3N...
अन्य आदेश
https://drive.google.com/file/d/1xEbF...
https://drive.google.com/file/d/1zjRt...
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: