सूर्य ग्रहण 2020 की संपूर्ण जानकारी
Автор: NAGESH KUMAR SHARMA
Загружено: 2020-06-19
Просмотров: 529
Описание:
सूर्य ग्रहण 2020 की संपूर्ण जानकारी
क्या खाना पीना कैसे रहना क्या करना आदि2020 : 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह वलयकार होगा। यह ग्रहण आषाढ़ महीने की अमावस्या को पड़ रहा है इसलिए धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पूरे भारत में ग्रहण का समय 21 जून को सुबह 9:15 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:04 बजे तक रहेगा। मतलब यह ग्रहण करीब 6 घंटे लंबा होगा। दोपहर 12:10 बजे ग्रहण अपने चरम प्रभाव में होगा। ज्योतिष शास्त्री ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को सूतक काल कहते है । इसका मतलब है कि सूतक काल 12 घंटे पहले यानी आज (20 जून) की रात 9:15 बजे से शुरू हो जाएगा और यह 22 जून को सुबह 9 बजे तक रहेगा। आज रात सवा 9 बजे सूतक काल लगते ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे।
सूतक काल में बरतें ये सावधानियां
धार्मिक व ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए।
खाद्य पदार्थों में तुलसी दल या कुशा रखनी चाहिए।
गर्भवतियों को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए।
मान्यता है कि सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते.
ऐसा सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह ग्रहण रविवार को है इसलिए इसे चूणामणि ग्रहण कहा गया है। पूर्ण सर्यू ग्रहण को रिंग ऑफ फायर ( Ring of Fire ) भी कहा जा रहा है।
2020: रविवार को लगेगा चूड़ामणि सूर्य ग्रहण
कब होता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पातीं हैं तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते कहै
सूर्य ग्रहण काल में रखें ये सावधानियां -
ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।
ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
ग्रहण को खुली आंखों से न देखें।
ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
ग्रहण के दौरान या पहले भोजन बना हुआ है तो उसे फेंकना नहीं चाहिए। बल्कि उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध कर लेना चाहिए। ग्रहण के समाप्ति के बाद स्नान-ध्यान कर घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए और फिर जाकर भोजन ग्रहण करना चाहिए
माना जाता है कि ग्रहण के हानिकारक प्रभाव से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका नकारात्मक असर होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के सीधे प्रभाव में नहीं आना चाहिए
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: