"खरबूजा की खेती कैसे करें | Muskmelon Farming Guide | कम लागत में ज्यादा मुनाफा"
Автор: Agri Sewa Solution
Загружено: 2025-06-14
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🌾 Agri Sewa Solution – आपका खेती और कृषि ज्ञान का भरोसेमंद साथी! 🌾
नमस्कार किसान भाइयों और बहनों!
Agri Sewa Solution चैनल पर आपका स्वागत है। यहां हम आपके लिए लाते हैं खेती-बाड़ी से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी – ताकि आप कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकें।
इस चैनल पर आपको मिलेगा:
✅ फ़सल की खेती की पूरी जानकारी (गेहूं, धान, सब्ज़ी, फल आदि)
✅ ऑर्गेनिक और आधुनिक खेती के नये तरीके
✅ मृदा स्वास्थ्य, खाद व उर्वरक प्रबंधन
✅ कीट व रोग नियंत्रण के उपाय
✅ कृषि मशीनरी व तकनीकी समाधान
✅ सरकारी योजनाएं और सब्सिडी की पूरी जानकारी
🌱 विशेष श्रृंखला:
👉 खरबूजा, तरबूज, लौकी, टमाटर, मिर्च, गेहूं, सरसों की खेती
👉 ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, पॉलीहाउस खेती के नए प्रयोग
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"हर किसान तक सही कृषि ज्ञान पहुँचाना, ताकि आपकी मेहनत का सही फल मिले।"
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अगर आप चाहें तो मैं "खरबूजा की खेती" वाला वीडियो डिस्क्रिप्शन इस चैनल थीम के हिसाब से भी अपडेट कर सकता हूँ। बताइए? 😊
अगर आप खरबूजा की खेती करना चाहते हैं, तो नीचे step-by-step जानकारी दी गई है:
बुवाई का समय:
उत्तर भारत: फरवरी से मार्च
दक्षिण भारत: नवंबर से जनवरी
बीजों की उन्नत किस्में (जैसे ‘पूसा शरबती’, ‘अरका रजनी’, ‘कल्याणपुर मधुरिमा’) लगाएं।
बुवाई का तरीका:
कतार से कतार की दूरी: 1.5 से 2 मीटर
पौधे से पौधे की दूरी: 60 से 90 सेमी
बीज की मात्रा: 1.5 से 2.5 किलो प्रति हेक्टेयर
बीजोपचार: बीजों को बोने से पहले फफूंदनाशक (जैसे कार्बेन्डाजिम) से उपचारित करें।
पहली सिंचाई: बुवाई के तुरंत बाद
आगे की सिंचाई: हर 6-7 दिन पर
आधा नाइट्रोजन व पूरा P व K खेत में बुवाई के समय दें, बाकी नाइट्रोजन 30 दिन बाद दें।
खरपतवार और देखभाल
निराई-गुड़ाई: 2-3 बार शुरुआती 40 दिनों तक करें।
मल्चिंग: नमी बनाए रखने और खरपतवार रोकने के लिए उपयोगी।
रोग और कीट नियंत्रण
फल मक्खी: फंदे (Trap) लगाएं, नीम तेल छिड़कें।
पत्तियों में फफूंदी: सल्फर या मैन्कोजेब का छिड़काव करें।
सफेद मक्खी या थ्रिप्स: इमिडाक्लोप्रिड छिड़कें।
फसल अवधि: 75 से 100 दिन
तुड़ाई का समय: जब फल पीले पड़ने लगें और खुशबू आने लगे
उत्पादन: अच्छी खेती से 150 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
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