इन भगवान की पूजा से शांत होंगे नौ ग्रह, शनि देव की महादशा का भी नहीं होगा प्रभाव
Автор: Local18 Uttarakhand
Загружено: 2023-06-26
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ओम प्रयास / हरिद्वार. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली मे कुल 9 ग्रह होते हैं. यदि किसी ग्रह की व्यक्ति पर महादशा चलती है तो उसे कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इन सभी नौ ग्रह में शनिदेव की महादशा, साढ़ेसाती और ढैया के प्रभाव से बचने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं. ऐसे ही राहु और केतु या अन्य किसी ग्रह की महादशा चलने पर भी व्यक्ति ज्योतिषाचार्य के अनुसार उनके निमित्त उपाय करते हैं, जिससे उन्हें लाभ भी होते हैं. आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं जिसके माध्यम से आप पर ग्रहों की कुदृष्टि और महादशा, साढ़ेसाती या ढैया का कोई प्रभाव नहीं होगा.
यदि आप किसी ग्रह की महादशा से प्रभावित हुए हैं और आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ ली रहा है तो यह खबर आपके जीवन को सुखी बना देगी. यदि आप नौ ग्रह की महादशा, साढ़ेसाती, ढैया या फिर कु दृष्टि से बचना चाहते हैं तो आपको भगवान शिव के निमित्त पूजा अर्चना करने पर कई लाभ प्राप्त होंगे. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सभी नौ ग्रह के भगवान शिव के अधीन रहते हैं. यदि आप नियम अनुसार भगवान शिव का जलाभिषेक, आराधना, पूजा-पाठ आदि करते हैं तो आपको बहुत से फायदे होंगे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी बताते हैं की सभी ग्रह भगवान शिव के ही अंश है. पूरे संसार के लोग शनिदेव से प्रभावित रहते हैं. शनि देव भगवान शिव के ही शिष्य हैं. ऐसे ही सूर्य देव भगवान शिव के तेज है, चंद्रमा को भगवान शिव ने धारण किया हुआ है, मंगल उनके पुत्र यानी उनका ही अंश अवतार है. ऐसे ही राहु और केतु शनिदेव के साथ रहते हैं जो भगवान शिव के ही गण है. यानी भगवान शिव की आराधना, पूजा-अर्चना से ही नवग्रह की महादशा से शांति हो जाती है. श्री महंत रविंद्रपुरी बताते हैं कि नव ग्रह जहां भी स्थापित होते है तो उन्हें शिवलिंग के रूप में ही पूजा जाता है. यदि आप किसी ग्रह की महादशा से प्रभावित हैं और आपको बहुत से कष्ट झेलने पड़ रहे हैं तो आपके द्वारा भगवान शिव की आराधना, पूजा-पाठ आदि की करने से आपको उस ग्रह के साथ-साथ सभी ग्रहों के प्रभाव से शांति मिल जाएगी.
भगवान शिव ही आपको नव ग्रह की पीड़ा से मुक्ति दिला सकते हैं, लेकिन आप को नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना, पूजा पाठ, व्रत आदि करना होगा. सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष माना गया है. आषाढ़ माह की देव शयनी एकादशी से भगवान विष्णु सो जाते हैं, जिस कारण ब्रह्मांड के संचालन का जिम्मा भगवान शिव के द्वारा किया जाता है. भगवान शिव के संचालन में सबसे पहला महीना श्रवण मास यानी सावन का महीना होता है, इसलिए कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना और पूजा पाठ की जाए तो सभी दुखों, परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है. यदि आप पर शनि देव या अन्य किसी ग्रह की महादशा का प्रभाव है तो आप को उससे छुटकारा भगवान शिव दिला देंगे.
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