#full_video
Автор: Ashish Vlog99
Загружено: 2024-07-08
Просмотров: 43
Описание:
#full_video - मार्कण्डेय महादेव मंदिर । #Markandeya Mahadev Temple, Kaithi Varanasi | Ashish Yadav
#MarkandeyaMahadevmandir
#मार्कण्डेयमहादेवमंदिर
Markandey Mahadev Mandir Kaithi Varanasi
मार्कंडेय महादेव बनारस,
मार्कंडेय ऋषि कथा,
मारकंडेय महादेव,
मार्कंडेय महादेव मंदिर कैथी कैथी उत्तर प्रदेश,
मारकंडेय महादेव मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश,
मार्कण्डेय लेखक,
मार्कण्डेय ऋषि का जन्म,
मार्कण्डेय ऋषि का इतिहास,
मार्कंडेय महादेव की कहानी,
मार्कंडेय महादेव मंदिर कैथी कैथी उत्तर प्रदेश,
मारकंडेय महादेव मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश,
मारकंडेय महादेव का इतिहास,
कैथी वाराणसी,
मार्कण्डेय का अर्थ,
मारकंडेय महादेव का वीडियो,
मारकंडेश्वर मंदिर किस नदी के किनारे स्थित है,
नमस्कार मैं अनीश वर्मा आपका अपने यूट्यूब चैनल स्वागत करता हूं आज हम जाने वाले हैं मार्कंडेय महादेव
आखिरभगवान भोलेनाथ ने मार्कंडेय ऋषि को वह कौन सा मंत्र दिया जिसके कारण वहां अमर हो गए जानने के लिए पूरा वीडियो जरूर देखें
यह मंदिर बनारस से करीब 30 किमी दूर गंगा-गोमती के संगम तट पर स्थित है। मार्कंडेय महादेव मंदिर शिवभक्तों के लिए बहुत खास माना जाता है। यहां सावन में शिवभक्तों का तांता लग जाता है। यह मंदिर वाराणसी गाजीपुर राजमार्ग पर कैथी गांव के पास है। यहां सावन माह में भी एक माह का मेला लगता है। मार्कण्डेय महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों में से एक है। विभिन्न प्रकार की परेशानियों से ग्रसित लोग अपनी दुःखों को दूर करने के लिए यहां आते हैं। श्री मारकंडेश्वर महादेव धाम यह पूर्वांचल के प्रमुख देवालयों में से एक है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों के समकक्ष वाले इस धाम कि चर्चा श्री मार्कंडेय पुराण में भी की गयी है। आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, भौगोलिक, शैक्षिक ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण लगभग 15000 की आबादी वाला कैथी गांव, वाराणसी-गाजीपुर राष्टकृीय राजमार्ग के 28वें किलोमीटर पर स्थित है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्कण्डेय ऋषि अमर हैं। आठ अमर लोगों में मार्कण्डेय ऋषि का भी नाम आता है। इनके पिता मर्कण्डु ऋषि थे। जब मर्कण्डु ऋषि को कोई संतान नहीं हुई तो उन्होंने अपनी पत्नी के साथ भगवान शिव की आराधना की। उनकी तपस्या से प्रकट हुए भगवान शिव ने उनसे पूछा कि वे गुणहीन दीर्घायु पुत्र चाहते हैं या गुणवान 16 साल का अल्पायु पुत्र। तब मर्कण्डु ऋषि ने कहा कि उन्हें अल्पायु लेकिन गुणी पुत्र चाहिए। भगवान शिव ने उन्हें ये वरदान दे दिया।
जब मार्कण्डेय ऋषि 16 वर्ष के होने वाले थे, तब उन्हें ये बात अपनी माता द्वारा पता चली। अपनी मृत्यु के बारे में जानकर वे विचलित नहीं हुए और शिव भक्ति में लीन हो गए। इस दौरान सप्तऋषियों की सहायता से ब्रह्मदेव से उनको महामृत्युंजय मंत्र की दीक्षा मिली। इस मंत्र का प्रभाव यह हुआ कि जब यमराज तय समय पर उनके प्राण हरने आए तो शिव भक्ति में लीन मार्कण्डेय ऋषि को बचाने के लिए स्वयं भगवान शिव प्रकट हो गए और उन्होंने यमराज के वार को बेअसर कर दिया। बालक मार्कण्डेय की भक्ति देखकर भगवान शिव ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया।
आपको यह वीडियो अच्छी लगी हो तो लाइक और कमेंट जरूर करें और चैनल पर नए हो तो चैनल सब्सक्राइब कर नोटिफिकेशन बेल को दबाना ना भूले।
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: