किन्नरों का अंतिम संस्कार क्यों किया जाता है रात में? kinnaron ka antim sanskar kaise hota hai.
Автор: Do You Know
Загружено: 2022-05-13
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किन्नरों का अंतिम संस्कार देखने से क्या अगले जन्म में पैदा होते हैं किन्नर? kinnaron ke bare mein
आम इनसान का अंतिम संस्कार दिन में होता है मगर एक किन्नर का अंतिम संस्कार आधी रात में होता है। मगर ऐसा क्यों होता है, इसके पीछे क्या कारण है वहीं किन्नरों की बद्दुआ लगने के पीछे उनकी काली जुबान है या फिर कुछ और। ऐसे कई रहस्यों के बारे में बात करेंगे जो हैं जुड़े एक किन्नर के जीवन और मृत्यु से।
अक्सर हमारे मंगल कार्यों पर किन्नर आते हैं। अब चाहे वो विवाह समारोह हो, जन्म समारोह या फिर मुन्डन समारोह हो, किन्नर इन सभी समारोह में आते हैं, उस उत्सव का जश्न मनाते हैं, परिवार वालों को ताली बजाकर बधाई देते और बदले में परिवार वालों से बधाई के रूप में पैसे मांगते हैं। अक्सर देखा गया है लोग इन किन्नरों को पैसे देने में कोई आनाकानी नही करता। ऐसा इसलिए क्योंकी लोगों का मानना है कि किन्नरों की बद्दुआ नही लेनी चाहिए। अब उनकी बद्दुआ लगती क्यों हैं इस पर बात कर लेते हैं। किन्नरों की बद्दुआ इसलिए नही लेनी चाहिए क्योकिं ये अपने बचपन से लेकर बड़े होने तक काफी दुख झेलते हैं, पहले अपने परिवार से अलग होने का दुख, फिर समाज का इनके प्रति दुर्व्यहार या समाज में इन्हें लेकर असामनता और जब किसी का दिल दुखी रहता है तो उनकी दुआ और बद्दुआ दोनों ही बहुत जल्दी लगती हैं।
इस दुनिया में किन्नरों की उत्पत्ती कैसे हुई। माना जाता है कि ब्रह्मा जी की छाया से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है। वहीं ज्योतिष के अनुसार ये माना जाता है कि 'वीर्य' की अधिकता से बेटा पैदा होता है और रज यानि की रक्त की अधिकता से बेटी जन्म लेती है। इसके बाद एक किन्नर तब पैदा होता है जब रक्त और वीर्य दोनों बराबर हों।
किन्नर का जीवन जितना दुखमय होता है उतनी ही शुभ इनकी जुबान होती है अगर ये किसी को वरदान देदें। ऐसा माना जाता है कि इन्हें भगवान श्रीराम से वनवास के बाद वरदान प्राप्त हुआ था। अगर कोई किन्नर किसी भी परेशान व्यक्ती को दुआएं दे दे तो उसका बुरा समय छू मंतर हो जाता है। इसके साथ ही अगर आप इनसे एक सिक्का लेकर पर्स या फिर अपनी तिजोरी में रख लें तो आपको कभी भी धन की कमी नही होगी।
इसके साथ ही किन्नर की मृत्यु से पहले ही उन्हें इसका अहसास हो जाता है। एक किन्नर को अपनी मौत नजदीक आने का अंदेशा हो जाता है, वो अपनी मौत से 4-5 दिन पहले से ही खाना पीना छोड़ देते हैं और सिर्फ पानी पीते हैं। एक किन्नर की मौत से पहले सभी किन्नर उससे आशिर्वाद लेने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर एक किन्नर की मौत नजदीक होती है तो वो जिसको भी दुआ देगी वो जरूर पूरी होती है। वहीं किन्नर की मौत की खबर को पूरे समाज से छिपाकर रखा जाता है।
इसके बाद किन्नरों से जुड़ा सबसे बड़ा रहस्य है उनकी अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार। यानी की मरने के बाद इनकी अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार देखना वर्जित होता है। ऐसा क्यों होता है इस पर बात कर लेते हैं। जब एक किन्नर मरता है तो उसका अंतिम सस्कार रात के समय में होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकी एक किन्नर का अंतिम सस्कार देखना वर्जित होता है वो इसलिए क्योंकी ऐसा माना जाता है कि अगर कोई किन्नर का अंतिम संस्कार होते हुए देख ले तो मरने वाला किन्नर अगले जन्म में भी किन्नर ही पैदा होता है। किन्नर की शव यात्रा निकालने से पहले शव को जूते और चप्पलों से पीटा जाता है और खूब गालियां दी जाती हैं, ताकी अगर मरने वाले किन्नर से कोई भी पाप हुआ हो तो प्रायश्चित्त के तौर पर भगवान उसे क्षमा याचना दे। इसके बाद अंतिम यात्रा के दौरान इनके शव को चार कंधों में नही बल्की खड़े होकर लेजाया जाता है और इनके शव को जलाया नहीं बल्कि दफनाया जाता है। इसके साथ ही एक किन्नर की मौत के बाद पूरा किन्नर समुदाय एक हफ्ते तक भूखा रहता है।
तो ये थे किन्नरों से जुड़े कुछ रहस्य जिनके बारे में आपको शायद ही मालूम होगा। आपको ये वीडियो कैसा लगा और इनमें से कितने रहस्यों के बारे में मालूम है हमें कमेंट करके जरूर बताइगा।
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