Maa Tarachandi dham : देवी दुर्गा के 52 शक्तिपीठों में से एक। YouTube पर देखें।FULL HD।
Автор: Rk Galaxy Worldwide
Загружено: 2021-02-23
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52 शक्तिपीठों में से एक मां ताराचंडी मंदिर सासाराम से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर कैमूर पहाड़ी की गुफा में स्थित है। मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर इस मंदिर के पास पहाड़, झरने व अन्य जल स्त्रोत हैं।सती के तीन नेत्रों में से श्री विष्णु के चक्र से खंडित होकर दायां नेत्र यहीं पर गिरा था, जो तारा शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हुआ।हिन्दू धर्म के अनुसार जहां सती देवी के शरीर के अंग गिरे, वहां वहां शक्ति पीठ बन गईं। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं।
पुराणों के अनुसार सती के शव के विभिन्न अंगों से बावन शक्तिपीठों का निर्माण हुआ था। इसके पीछे यह अंतर्कथा है कि दक्ष प्रजापति ने कनखल (हरिद्वार) में 'बृहस्पति सर्व' नामक यज्ञ रचाया। उस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णुजी, इंद्रराज और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन जान-बूझकर अपने जमाता भगवान शंकर जी को नहीं बुलाया। शंकरजी की पत्नी और दक्ष की पुत्री सती पिता द्वारा न बुलाए जाने पर और शंकरजी के रोकने पर भी यज्ञ में भाग लेने गईं। यज्ञ-स्थल पर सती ने अपने पिता दक्ष से शंकर जी को आमंत्रित न करने का कारण पूछा और पिता से उग्र विरोध प्रकट किया। इस पर दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर को अपशब्द कहे। इस अपमान से पीड़ित हुई सती ने यज्ञ-अग्नि कुंड में कूदकर अपनी प्राणाहुति दे दी। भगवान शंकर को जब इस दुर्घटना का पता चला तो क्रोध से उनका तीसरा नेत्र खुल गया। भगवान शंकर के आदेश पर उनके गणों के उग्र कोप से भयभीत सारे देवता ऋषिगण यज्ञस्थल से भाग गये। भगवान शंकर ने यज्ञकुंड से सती के पार्थिव शरीर को निकाल कंधे पर उठा लिया और दुःखी हुए इधर-उधर घूमने लगे। तदनंतर सम्पूर्ण विश्व को प्रलय से बचाने के लिए जगत के पालनकर्त्ता भगवान विष्णु ने चक्र से सती के शरीर को काट दिया। तदनंतर वे टुकड़े 52 जगहों पर गिरे। वे ५२ स्थान शक्तिपीठ कहलाए। सती ने दूसरे जन्म में हिमालयपुत्री पार्वती के रूप में शंकर जी से विवाह किया।
The Shakti Peetha (Sanskrit: शक्ति पीठ, seat of Shakti) are significant shrines and pilgrimage destinations in Shaktism, the goddess-focused Hindu tradition. There are 51 Shakti peethas by various accounts, of which 18 are named as Maha (major) in medieval Hindu texts.
Most of these historic places of goddess worship are in India, but there are seven in Bangladesh, three in Pakistan, three in Nepal, and one each in China and SriLanka.
The legend behind the Shakti Peethas is the story of the self-immolation of the goddess Sati. Vishnu ji had to cut her body into 51 body parts which fell on Earth and became sacred sites. In another story, Shiva took Rudra Thandavam in mourning the death of the Godess Sati, in which the body of the Godess Sati was scattered into 51 parts which fell on Earth and became sacred sites.
There were many legends in ancient and modern sources that document this evidence. A consensus view on the number and location of the precise sites where Sati's corpse fell is lacking, although certain sites are more well-regarded than others.
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