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#satgururampaljimaharaj

Автор: Target Satlok Mission

Загружено: 2022-08-04

Просмотров: 140

Описание: *अपनी भक्ति की मजदूरी (कमाई) कभी व्यर्थ नहीं जाती, चाहे कितनी बाधाऐं आ जायें।*🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻द्रोपदी पूर्व जन्म में परमात्मा की परम भक्त थी। फिर वर्तमान जन्म में एक अंधे साधु को साड़ी फाड़कर लंगोट (कोपीन) के लिए कपड़ा दिया था। (अंधे साधु के वेश में स्वयं कबीर परमेश्वर ही लीला कर रहे थे।) जिस कारण से जिस समय दुःशासन ने द्रोपदी को सभा में नंगा करने की कोशिश की तो द्रोपदी ने देखा कि न तो मेरे पाँचों पति (पाँचों पाण्डव) जो भीम जैसे महाबली थे, सहायता कर रहे हैं। न भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य तथा दानी कर्ण ही सहायता कर रहे हैं। सब के सब किसी न किसी बँधन के कारण विवश हैं। तब निर्बन्ध परमात्मा को अपनी रक्षार्थ हृदय से हाथी की तरह तड़फकर पुकार की। उसी समय परमेश्वर जी ने द्रोपदी का चीर अनन्त कर दिया। दुःशासन जैसे योद्धा जिसमें दस हजार हाथियों की शक्ति थी, थककर चूर हो गया। चीर का ढ़ेर लग गया, परंतु द्रोपदी निःवस्त्र नहीं हुई। परमात्मा ने द्रोपदी की लाज रखी। पाण्डवों के गुरू श्री कृष्ण जी थे।जिस कारण से उनका नाम चीर बढ़ाने की लीला में जुड़ा है। इसलिए वाणी में कहा है कि निज नाम की महिमा सुनो जो किसी जन्म में प्राप्त हुआ था, जब परमेश्वर सतगुरू रूप में उस द्रोपदी वाली आत्मा को मिले थे। उनको वास्तविक मंत्र जाप करने को दिया था। उसकी भक्ति की शक्ति शेष थी। उस कारण द्रोपदी की इज्जत रही थी।कबीर कमाई आपनी, कबहु ना निष्फल जाय। सात समुद्र आडे पड़ो, मिले अगाऊ आय।।भावार्थ :- कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि अपनी भक्ति की मजदूरी (कमाई) कभी व्यर्थ नहीं जाती, चाहे कितनी बाधाऐं आ जायें। वह अवश्य मिलती है। इसी के आधार से द्रोपदी का चीर बढ़ा, महिमा हुई। इसलिए कहा है कि निज नाम (यथार्थ भक्ति मंत्र) की महिमा सुन और उस पर अमल करो।एक वैश्या (गणिका) थी। उसको जीवन में पहली बार सत्संग सुनने का अवसर मिला। उस दिन अपने कर्म से ग्लानि हो गई और सतगुरू से दीक्षा लेकर सच्ची लगन से भक्ति करके विमान में बैठकर स्वर्ग लोक में गई। सच्चा नाम जिस भी देव का है, वह खेवट (मलहा) का कार्य करता है। जैसे नौका चलाने वाला मलहा व्यक्तियों को दरिया से पार कर देता है।ऐसे वास्तविक नाम भवसागर से भक्तों को पार कर देता है।(28.29) वाणी नं. 30 :-गरीब, बारद ढारी कबीर जी, भगत हेत कै काज।सेऊ कूं तो सिर दिया, बेचि बंदगी नाज।।30।। सरलार्थ :- संत गरीबदास जी ने परमेश्वर कबीर जी का उदाहरण देकर हम भक्तों को समझाया है कि जैसे कबीर भक्त के साथ काशी के पंडितों तथा मुल्ला-काजियों ने ईर्ष्या के कारण झूठी चिट्ठियाँ डाली थी कि कबीर जी भोजन-भण्डारा करेंगे। प्रत्येक भोज के पश्चात् एक मोहर तथा एक दोहर दक्षिणा देंगे। इस कारण 18 लाख (अठारह लाख) साधु-संत-भक्त निश्चित दिन पहुँच गए थे। कबीर जी जुलाहे का कार्य करते थे। जो मेहनताना मिलता था, उससे अपने परिवार के खर्च का रखकर शेष को भोजन-भण्डारा करके धर्म में लगा देते थे। जिस कारण से घर मे तो परमेश्वर कबीर जी अन्य रूप केशव बणजारे का धारण करके नौ लाख बैलों की पीठ पर बोडी यानि गधों के बोरे जैसा थैला धरकर उनमें पका-पकाया भोजन भरकर सतलोक से लेकर आए और तीन दिन का भोजन-भण्डारा पत्रों में लिखा था तो तीन दिन ही 18 लाख व्यक्तियों को भोजन कराया तथा प्रत्येक खाने के पश्चात् एक स्वर्ण की मोहर तथा एक दोहर दी गई।जो हरिद्वार से गरीबदास वाले पंथियों ने सत्ग्रन्थ छपाया है, उसमें वाणी इस प्रकार है :-गरीब, बारद ढुरि कबीर कै, भक्ति हेत के काज।यथार्थ वाणी ऊपर लिखी है, फिर भी हमने भावार्थ समझना है।आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

👉◆ आप सोचते होंगे कि भक्ति हम #स्वयं कर रहे है लेकिन ऐसा नही है । भक्ति तो #सतगुरु संत रामपाल जी महाराज करवा रहे है। हमे तो केवल उनके वचनों पर चलना है और मर्यादा में रहना है । जो सौभाग्यशाली और अच्छी तरह #ज्ञान को समझेंगे वो तो पार होते चले जायेंगे ।

👉◆ किन्तु अंतिम समय में समस्या आएगी , हजारों वर्षो तक ये ज्ञान चलेगा , ये साइंस की विद्या चलेगी । जो TV, चिप , मोबाइल है । इनके माध्यम से ज्ञान दिया जाएगा संत रामपाल जी के #सतलोक जाने के पश्चात । किन्तु संत रामपाल जी महाराज का #इलेक्ट्रॉनिक शरीर रहेगा , ये नूरी शरीर रहेगा टी.वी. पर चलेगा । नाम भी दिया जाएगा , सारनाम भी टी.वी. पर दिया जाएगा । इसकी व्यवस्था की जाएगी और आप सभी देख ही सकते है कि वर्तमान समय में प्रथमनाम , सतनाम , और #सारनाम भी TV पर ही दिया जा रहा है । किन्तु लास्ट में #विज्ञान भी खत्म हो जाएगा बस ज्ञान ज्ञान रह जायेगा ।

👉◆ यह ज्ञान कुछ दिनों तक चला करता है , यह ज्ञान बहुत दिनों तक सुख का सास लेगा ।

👉◆ जो सतभक्ति करेंगे #मर्यादा में रहकर वो पार होते चले जायेंगे । बहुत ज्यादा सुखी होंगे , ये #माया की हवस खत्म होगी । यह इतनी भक्ति कर लेंगे कि परमात्मा सारी सुख सुविधा उपलब्ध कराएगा।

👉◆ आने वाले समय में जिस प्रकार जनसंख्या बढ़ रही है तो लोग क्या खाएंगे अगर यह माहौल नहीं बदला तो ।

👉◆ फिर भगवान व्यवस्था करेगा आपके घर में दो दाने #अन्न के होंगे तो परमात्मा घड़ा भर कर देगा । आटे का पीपा भरा मिलेगा । इस तरह अपने बच्चों पर दया करेंगे परमात्मा ।

👉◆ आप सभी से निवेदन है कि ये माया की दौड़ को छोड़कर #संत_रामपाल_जी द्वारा बताई #सतभक्ति करलो , क्योंकि आने वाले समय मे परमात्मा सब को सुख देगा । सभी परमात्मा की भक्ति करेंगे , चर्चा करेंगे। जो मर्यादा में रहकर सतभक्ति करेंगे वो पार हो जाएंगे । संत रामपाल जी महाराज से #नामदीक्षा लो और मर्यादा में रहकर भक्ति करके #सतलोक चलो।

अधिक जानकारी के लिए देखिए
साधना चैनल रात्रि 7:30 से 8:30 तक
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🌹

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