बिजौलिया किसान आंदोलन ll Bijolia farmers' movement ll
Автор: GK CAPSULE BY AK
Загружено: 2025-11-09
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बिजौलिया किसान आंदोलन, 1897 से 1941 तक चला भारत का पहला अहिंसक किसान आंदोलन था, जिसका नेतृत्व राव कृष्ण सिंह, विजय सिंह पथिक और माणिक्य लाल वर्मा जैसे नेताओं ने किया। यह आंदोलन मेवाड़ में अत्यधिक भू-राजस्व, 84 प्रकार के करों और जबरन श्रम जैसी सामंती प्रथाओं के विरोध में था।
आंदोलन के मुख्य चरण और नेतृत्व:
पहला चरण (1897-1915):
नेतृत्व: राव कृष्ण सिंह।
मुख्य कारण: 'चंवरी कर' जैसे 84 प्रकार के करों और अन्य जबरन श्रम (बेगार) के खिलाफ किसानों का विरोध।
दूसरा चरण (1916-1923):
नेतृत्व: विजय सिंह पथिक।
मुख्य घटनाएँ: 'सीताराम साधु' के अनुरोध पर विजय सिंह पथिक ने आंदोलन का नेतृत्व संभाला। किसान पंचायत बोर्ड की स्थापना हुई।
तीसरा चरण (1923-1941):
नेतृत्व: माणिक्य लाल वर्मा और रामनारायण चौधरी।
मुख्य घटनाएँ: इस चरण में मेवाड़ में 'प्रजामंडल' की स्थापना हुई।
आंदोलन का प्रभाव:
यह भारत का पहला अहिंसक किसान आंदोलन था और राजस्थान का पहला संगठित किसान आंदोलन था।
इसने अन्य सामंती और कृषि विद्रोहों के लिए एक मिसाल कायम की।
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