“विंध्याचल का रहस्य जहाँ माँ विन्ध्यवासिनी तीनों स्वरूपों में विराजती हैं | आदि शक्ति पीठ की महिमा”
Автор: Sri Devi Mandir
Загружено: 2025-11-08
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🌺 विंध्याचल धाम का दिव्य रहस्य — जहाँ तीनों माताएँ विराजती हैं 🌺
विंध्याचल धाम में माँ जगतजननी जगदम्बा तीनों स्वरूपों में विराजमान हैं —
राजराजेश्वरी माँ विन्ध्यवासिनी — माँ लक्ष्मी स्वरूपा, मुख्य स्थान पर विराजती हैं।
माँ महाकाली — कालीखो मंदिर में काली स्वरूपा के रूप में विराजती हैं।
माँ अष्टभुजा देवी — माँ सरस्वती स्वरूपा, अष्टभुजा पर्वत पर स्थित हैं।
इन तीनों स्वरूपों के अतिरिक्त यहाँ दस महाविद्याएँ, बावन भैरव, तथा त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु, महेश स्वयं माँ विन्ध्यवासिनी की सेवा में तत्पर रहते हैं।
यह पवित्र धाम आदि शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध है, जहाँ माँ की कृपा से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
🌸 विंध्याचल — आदि काल से आदि शक्ति की भूमि 🌸
आदि काल से लेकर आज तक यह पावन भूमि अनेक सिद्ध संतों, महात्माओं और तपस्वियों की तपोभूमि रही है।
यह स्थल अपने भीतर असंख्य रहस्यों और दिव्यता को समेटे हुए है।
विंध्याचल धाम — वह पावन स्थान जहाँ माँ जगतजननी जगदम्बा तीनों स्वरूपों में विराजमान हैं —
माँ विन्ध्यवासिनी (लक्ष्मी स्वरूपा), माँ महाकाली (कालीखो), और माँ अष्टभुजा (सरस्वती स्वरूपा)।
यह भूमि आदि काल से सिद्ध संतों और महात्माओं की तपोभूमि रही है और आज भी अपने भीतर अनगिनत रहस्य समेटे हुए है।
विंध्याचल की यात्रा 51 शक्तिपीठों की यात्रा के समान मानी जाती है, क्योंकि यह आदि शक्ति पीठ है।
जय माँ विन्ध्यवासिनी 🙏
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