Calcaria Carb | कैल्केरिया कार्ब | रोगी के मन की गीत
Автор: Dr Anarul Hoque
Загружено: 2025-09-15
Просмотров: 9
Описание:
#dranwarulhoque #homeopathy #homeopathicmedicine #homeopathysong #homeopathyawareness #healingthroughmusic #laskarhomeomedia #magrahat #magrahatvoice #হোমিওগান
कैल्केरिया कार्ब – रोगी के मन की गीत
🎵
शरीर था भारी, मोटापा बढ़ा,
पेट के चारों ओर चर्बी चढ़ा।
पसीने से भीगे सिर का तकिया,
कमज़ोरी संग थकावट दिखा। 🎵
🎵
डर था अंधेरे से, ऊँचाई से भी,
थोड़ा काम करके थक जाए सभी।
चेहरा फीका, आँखों में चिंता,
हर रोग से लगता जीवन विंदा। 🎵
🎵
खाने में चाहत अंडा-दूध-मीठा,
खट्टा भी अच्छा, ठंडी चीज़ जीता।
पर मांस-मछली अरुचि जगाए,
पचाने की ताक़त जल्दी चुराए। 🎵
🎵
गर्म कपड़े पहनना अच्छा,
ठंडी हवा से बढ़े कष्ट सच्चा।
गर्म कमरे में शांति पाए,
सर्दी में रोगी घबराए। 🎵
🎵
तृष्णा मध्यम, बार-बार पानी,
पर पेट फूलता, गैस सयानी।
रात को नींद में डर से जगता,
भविष्य का भय मन में रमता। 🎵
🎵
अनहोखा लक्षण—पसीना सिर पर,
सीढ़ी चढ़ते दम फूलकर।
बच्चे भी मोटे, सीखने में धीमे,
हड्डियों की कमजोरी, बढ़ते हैं पीमे। 🎵
🎵
डायथेसिस है स्क्रोफुलस रूप,
संविधान भारी, कोमल धूप।
मियाज़्म तीनों—सोरिक, ट्यूबरकुलर,
कभी सिफिलिटिक भी दिखे असर। 🎵
🎵
डॉक्टर ने सुनी हर पीड़ा की बात,
लक्षण मिलाकर किया सही साथ।
सिर्फ़ एक औषधि का हुआ चयन,
कैल्केरिया कार्ब बना जीवन का धन। 🎵
🎵
छोटे से क्लिनिक की सेवा न्यारी,
सस्ता इलाज, पर करुणा भारी।
औषधि नहीं बस दया भी दी,
समाजसेवा में पूजा सी रीति। 🎵
Повторяем попытку...
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео
-
Информация по загрузке: