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वास्तु शास्त्र- शास्त्रों का वैज्ञानिक अंग | वास्तु ज्ञान | By SS Attri | Attri & Attri Associates

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Автор: Attri & Attri Associates

Загружено: 2024-07-07

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Описание: आप सभी ने कभी न कभी किसी न किसी से वास्तु शास्त्र के बारे में सुना या पढ़ा होगा। यह एक ऐसा विज्ञान है जिसने वैदिक वास्तुकला से लेकर आधुनिक वास्तुकला को भी बहुत प्रभावित किया है तो आइये आज हम इसी विज्ञान के बारे में बात करते है।
वास्तु, जिसे निर्माण का विज्ञान भी कहा जाता है। वास्तु (वः +अस्तु) शब्द का शाब्दिक अर्थ है निर्माण करने योग्य भूमि या वह भूमि जो मनुष्यों के निवास के लिए उपयुक्त हो उसे वास्तु कहते है।
प्राचीन काल से ही वास्तु शास्त्र अपना एक अनोखा और अलग महत्त्व रखता आया है। जो कि ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिरों एवं भवन निर्माणों में प्रायः देखने को मिलता है।
आज के आधुनिक युग में सुचारु एवं सुव्यवस्थित रूप से जीवन यापन करने के लिए "आवास" प्राथमिक आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन काल में अनेकों प्रकार की समस्याओं से जूझता रहता है।
हमारे ऋषि मुनियों ने भी इस बात को भली-भांति समझ तथा चिंतन व मनन कर के यह तथ्य जाना और निर्धारित किया कि जीवन रूपी रथ के दो पहिये तन एवं मन है और उन दोनों का स्वस्थ व संतुलित रहना अनिवार्य है। और यह सब प्रकृति के तीनों बालों एवं पंचमहाभूतों पर आधारित है।
किसी भी वास्तु का जीवन में क्या उपयोगी स्थान है, इसी बात का महत्त्व है। वास्तु शास्त्र का महत्त्व भी जीवन में इसके उपयोगी तत्वों पंचमभूतों जैसे- भूमि, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश से निर्मित वातावरण से सामजस्य के कारण है। इनके संतुलन से मनुष्य का जीवन तन व मन सक्रिय रहता है तथा असंतुलन से निष्क्रिय हो जाता है।
वास्तु शास्त्र ही एकमात्र ऐसा शास्त्र है जो मानव की क्षमताओं को विकसित करने के लिए इन महाभूतों का सहारा लेता है, अतः इसी से इसकी उपयोगिता प्रमाणित हो जाती है।
तो इन सब तथ्यों के परिणामस्वरूप निः संदेह यह कहा जा सकता है कि जीवन तथा भवन में पंच महाभूतों के गुणों को आधार मानकर सामंजस्य स्थापित करने के सुखद प्रयास का नाम ही वस्तुतः वास्तु शास्त्र है, जिसे हमारे ऋषियों एवं आचार्यों ने कठोर साधना करके आत्मसात किया व प्रकृति की इन शक्तियों से मानव को ओत प्रोत करने के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों व सिद्धांतों का पालन करना अपेक्षित किया ताकि संसार में उन्नति, विकास व कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सके।
मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में भोजन एवं निवास सम्मलित है। आवास मनुष्य को प्रश्रय देता है जिसके परिणाम स्वरुप वह स्वयं के लिए भवन निर्माण की योजना बनता है। प्राकृतिक नियमों के आधार पर आवास के लिए बनाये गए भवन निर्माण की तकनिकी एवं वैज्ञानिक कला अथवा शास्त्र का नाम ही वास्तु है।
भवन निर्माण के लिए भूमि का चयन, नाप, दिशा तथा भवन में कौन सा स्थान अग्नि को दिया जाये व कौन सा स्थान जल के लिए उपयुक्त है, के आधार पर निर्माण किया जाता है। कौन सा स्थान या दिशा उन्नत या ऊँची की जाये व कौन सी दिशा में शयन हो, वास्तु का प्रत्येक नियम मानव शरीर को प्रभावित करता है, जिसकी पुष्टि पुराणों में वास्तु पुरुष की संकल्पना द्वारा हुई।
वास्तु पुरुष के प्रत्येक अंग से मानव का कोई न कोई अंग जुड़ा हुआ है अतः भवन निर्माण करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि वास्तु पुरुष का प्रत्येक अंग सुरक्षित रहें।
यदि वास्तु पुरुष का कोई अंग भांग कर दिया जाये तो उस अंग से सम्बंधित समस्या भवन मालिक अथवा उसके परिवार में स्वाभाविक रूप से पायी जा सकती है। न केवल निवास स्थान अपितु व्यापार आदि कर्म में भी वास्तु का महत्त्व प्रतिपादित हो चूका है।
फैक्ट्रियों में भवन निर्माण करते समय विभिन्न मशीनों के रखने का स्थान, कच्चा माल रखने का स्थान, भंडार गृह, कार्यालय व कार्यालय कर्मियों के बैठने का स्थान दिशा -निर्धारण भी वास्तु के महत्पूर्ण विषय है।

हमारा उद्देश्य शास्त्रों में दिए हुए नियमों एवं सिद्धांतों को सही, सरल एवं उपयोगी शब्दों में आप सभी तक पहुंचना है। ऐसी ही ज्ञान से सम्बंधित वीडियो देखने के लिए हमारे साथ जुड़ें रहें। तो दर्शकों मिलते है अगली वीडियो में ऐसे ही किसी उपयोगी विषय के साथ। तब तक के लिए जय श्री राम।

Attri & Attri Associates is an architectural design firm known for its expertise in Vastu Shastra, an ancient Indian science of architecture and design. They specialize in integrating Vastu principles with contemporary architectural practices to create spaces that are harmonious and conducive to well-being according to Vastu guidelines. Vastu Shastra focuses on aligning structures with natural elements and energies to enhance health, wealth, and overall prosperity. Attri & Attri Associates likely offer a range of architectural services that cater to clients seeking Vastu-compliant designs for residential, commercial, and institutional projects.

CE. SS Attri (Chartered Engineer, Interior Designer & Vastu Expert)
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