परवल का फल लाल हो जाता है | परवल की खेती | Parval ki kheti | परवल का फल लाल हो जाता है मक्खी का अटैक
Автор: Yuva Farming
Загружено: 2025-07-07
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परवल का फल लाल हो जाता है..
परवल का फल लाल हो सकता है क्योंकि वह पक रहा होता है, या फिर चूसने वाले कीड़ों और फफूंद जैसे रोगों के कारण भी हो सकता है, जिससे फल खराब हो जाते हैं और उनका रंग बदल जाता है। अगर परवल पक रहा है, तो यह लाल रंग प्राकृतिक है और यह फल के मीठा होने का संकेत है।
पकने के कारण लाल होना
परवल का फल पकने पर नारंगी-लाल रंग का हो जाता है, जो इसके प्राकृतिक पकने का संकेत है।
बीमारियों और कीटों के कारण लाल होना
फल सड़न रोग:
यह कवक (फफूंदी) के कारण होता है, जिससे परवल के फल खराब हो जाते हैं और उनमें गहरे रंग के धब्बे बन सकते हैं, जिससे वे सड़ने लगते हैं।
फलों की मक्खी:
यह कीट परवल के मुलायम फलों की त्वचा के नीचे अंडे देती है, और इससे निकलने वाली गिडारें (लार्वा) फल के गूदे को खाती हैं, जिससे फल खराब हो जाता है और सड़ने लगता है।
अन्य कीट और फफूंद:
चूसने वाले कीड़े और फफूंदी के कारण भी परवल के फल पीले या लाल हो सकते हैं, खासकर अगर फल जमीन के संपर्क में हों।
बचाव के उपाय
साफ-सफाई:
खेत की साफ-सफाई रखें और रोगग्रस्त या सड़े हुए फलों को हटा दें।
पौधों के बीच दूरी:
पौधों के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखें ताकि हवा का अच्छा संचार हो और पत्तियों पर नमी न रहे।
सिंचाई प्रबंधन:
पत्तियों पर पानी डालने से बचें और पानी सीधे जड़ों में डालें।
जैविक उपाय:
नीम या अंडी की खल्ली का उपयोग कर सकते हैं।
दवा का छिड़काव:
अगर फफूंदी या कीटों का प्रकोप हो, तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर उचित कीटनाशक या फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
परवल का पौधा बीज या कटिंग से लगाया जा सकता है. इसके लिए फरवरी से अप्रैल का समय अच्छा होता है. मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर होनी चाहिए. गमले या खेत में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी भरें और बीज को लगभग 1 इंच गहरा बोएं. इसके बाद पानी दें और धूप वाली जगह पर रखें. बीज अंकुरित होने के बाद जब पौधे 4-6 पत्तियों के हो जाएँ, तो उन्हें दूर-दूर 50 सेमी की दूरी पर लगा दें और बेलों को बढ़ने के लिए सहारा दें.
परवल लगाने के लिए सही मिट्टी और जगह
मिट्टी:
बलुई दोमट मिट्टी, जो कार्बनिक पदार्थों से भरपूर हो और अच्छी जल निकासी वाली हो, परवल के लिए सबसे उपयुक्त होती है. भारी मिट्टी में परवल अच्छे से नहीं उगता है.
जगह:
पौधे को धूप वाली जगह पर रखें, क्योंकि उसे अंकुरित होने के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान की आवश्यकता होती है.
बीज से परवल लगाने की विधि
1. बीज का चुनाव:
सबसे पहले परवल की अच्छी किस्म के बीजों को चुनें.
2. गमले/खेत की तैयारी:
गमले या रोपण के लिए तैयार की गई मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों (जैसे गोबर की खाद) को मिलाएं, ध्यान रहे कि गमला ऊपर से 3-4 इंच खाली रहे.
3. बीज बोना:
गमले के बीचों-बीच बीजों को लगभग 1 इंच की गहराई पर बोएं.
4. पानी देना:
बीज लगाने के बाद पानी दें.
5. धूप:
बीज लगे गमले को धूप वाली जगह पर रखें.
6. अंकुरण:
उचित तापमान मिलने पर बीज 10-14 दिनों में अंकुरित हो जाएगा.
7. रोपाई:
बीज अंकुरण के बाद जब छोटे पौधे 4-6 पत्तियों वाले हो जाएँ, तो उन्हें खेत या उचित स्थान पर 50 सेमी की दूरी पर लगा दें.
कटिंग से परवल लगाने की विधि
अगर आपके पास कटिंग (लताएं) उपलब्ध हैं, तो आप उन्हें भी लगा सकते हैं.
एक साल पुरानी कटिंग्स (लच्छी) जिनकी लंबाई 120-150 सेमी हो, उन्हें मिट्टी में इस तरह दबाया जाता है कि उनका कुछ हिस्सा जमीन के ऊपर रहे और बाकी हिस्सा मिट्टी में दबा रहे.
अन्य महत्वपूर्ण बातें
सहारा:
परवल की बेलें फैलती हैं, इसलिए उन्हें बढ़ने के लिए मजबूत सहारे की जरूरत होती है, जैसे कि खूंटे या जाली.
नर और मादा पौधा:
परवल में नर और मादा पौधे होते हैं, इसलिए फल लगने के लिए नर पौधे का मादा पौधे के पास होना जरूरी होता है.
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