संपूर्ण मानवता में दिव्य रूपांतरण करना गुरु सियाग सिद्ध योग का मूल्य उद्देश्य..
Автор: Vijay Parasher
Загружено: 2025-10-22
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गुरुदेव की दिव्य वाणी 🙏
हमारे ऋषियों ने गहन शोध के बाद इस सिद्धान्त को स्वीकार किया कि जो ब्रह्माण्ड में है, वही सब कुछ पिण्ड (शरीर) में है। इस प्रकार मूलाधार चक्र से आज्ञा चक्र तक का जगत माया का और आज्ञा चक्र से लेकर सहस्त्रार तक का जगत परब्रह्म का है।
गगन मण्डल में ऊँधा-कुंआ, तहाँ अमृत का वासा।
सगुरा होइ सो भरि भरि पीव, निगुरा जाइ प्यासा।।
पूरी दुनिया में कही भी बिना गुरुदेव से मिले, केवल गुरूदेव के फोटो से भी ध्यान लगता है
मंत्र दीक्षा विडियो/आडियो सी सीडी से, टीवी से, मेल से भी कार्य करती है
गुरूदेव का मंत्र-जाप किसी दूसरे (जो स्वयम करने में अक्षम हो) के लिए भी किया जा सकता है
गुरुदेव साधक को कोई कोर्स या ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने को नहीं कहते।....
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