मौनी अमावस्या पर धरती पर आएंगे पितृ, कैसे करें उन्हें प्रसन्न जानें
Автор: Khabar Vision
Загружено: 2025-01-28
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मौनी अमावस्या को पवित्र और शुभ दिन माना गया है। इस वर्ष यह तिथि 29 जनवरी को पड़ रही है। #धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, दान, तर्पण और श्रीहरि की पूजा करने से पितरों की #आत्मा को शांति मिलती है और जातकों को जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं, इसलिए तर्पण और श्राद्ध करना विशेष फलदायी होता है।
गृहस्थ और साधु-संन्यासी इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। #मौनी_अमावस्या पर कथा सुनने और कहने का भी महत्व है, जिससे व्रत की पूर्णता और पुण्य की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, कांचीपुरी के ब्राह्मण देवस्वामी की बेटी गुणवती को विवाह के बाद पति की मृत्यु का शाप लगा था। एक महात्मा की सलाह पर वह सिंहल द्वीप में रहने वाली पतिव्रता महिला सोमा धाबिन के पास गई। सोमा ने अपने पुण्य दान कर गुणवती के पति का जीवन बचाया। इसके बाद सोमा ने भगवान विष्णु की पूजा और 108 परिक्रमा की, जिससे उनके परिवार की अकाल मृत्यु भी टल गई।
इस कथा से प्रेरणा लेते हुए मौनी अमावस्या पर व्रत, दान और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। यह दिन धर्म, पुण्य और पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
#प्रयागराज #महाकुंभ में भी सैकड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए जाएंगे.गंगा नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 साल के बाद महाकुंभ भी लगा है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में स्नान करके पापों से मुक्ति पा सकते हैं। ऐसे में शहर से सैकड़ों की संख्या में लोग कुंभ में स्नान करने जाएंगे।
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