ycliper

Популярное

Музыка Кино и Анимация Автомобили Животные Спорт Путешествия Игры Юмор

Интересные видео

2025 Сериалы Трейлеры Новости Как сделать Видеоуроки Diy своими руками

Топ запросов

смотреть а4 schoolboy runaway турецкий сериал смотреть мультфильмы эдисон
Скачать

Chapter 2 class 10th अर्थशास्त्र भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक ।। कितने है।।

Автор: Math And Science For You

Загружено: 2021-03-28

Просмотров: 8768

Описание: Chapter 2 class 10th अर्थशास्त्र भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक ।। कितने है।।

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक class 10 notes

Class:-10th
Subject:-Economics
Chapter:-02. भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक
Topic:- भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक class 10 notes

अपने आसपास के लोगों को देखिए वह क्या करते है। वह कैसे अपनी जीविका चलाते हैं। वह किस प्रकार के कार्यों में संलग्न है। आप पाएंगे कि वह विविध प्रकार के कार्यों में लगे हैं। कोई व्यक्ति खेती-बारी के कार्यों में लगा हुआ है, तो कोई व्यक्ति मिट्टी के बर्तनों को बनाने में, तो कोई लकड़ी के फर्नीचर बनाने में, तो कोई यातायात साधनों में लगा है।

अपने घरों में भी देखें तो पता चलता कि मां भी घरेलू कार्यों में लगी हुई है। वे खाना बनाना घर की साफ-सफाई आदि कार्य करती हैं। आप अपने बारे में भी सोचिए कि आप क्या कर रहे हैं। अभी आप पढ़ रहे हैं और हम आपको इस बेबसाइट के माध्यम से पढ़ा रहे हैं। तो बच्चों अपने देखा कि इस तरह हर कोई व्यक्ति कोई न कोई कार्य करता प्रतीत हो रहा है। ऐसे क्रियाकलाप को दो भागों में बांटा जाता है:-

(1) आर्थिक क्रियाकलाप
(2)गैर-आर्थिक क्रियाकलाप

(1) आर्थिक क्रियाकलाप:- ये वैसी क्रियाकलाप है जिसे करने के बाद लोगों को धन की प्राप्ति होती है। अर्थात रुपया पैसा कमाने के उद्देश्य से किया गया कार्य आर्थिक क्रियाकलाप कहलाता है। जैसे- कृषि, यातायात साधन में लगे होना, डॉक्टर, नर्स, शिक्षक, वकील, दुकानदार, इत्यादि।

(2) गैर-आर्थिक क्रियाकलाप:- वैसे क्रियाकलाप जिसे करने से केवल आत्म संतुष्टि होती है। इस प्रकार की क्रियाकलाप करने से व्यक्ति को रुपए-पैसे की प्राप्ति नहीं होती। जैसे- मां द्वारा घर में खाना बनाना, बच्चों द्वारा पढ़ाई करना, अपने घरों या गलियों की साफ-सफाई करना, इत्यादि।

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

आर्थिक गतिविधियों के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रकों को मुख्यतः तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है। ये निम्न है:-
(1) प्राथमिक क्षेत्रक
(2) द्वितीयक क्षेत्रक
(3) तृतीयक क्षेत्रक

(1) प्राथमिक क्षेत्रक:- जब हम किसी प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके किसी वस्तु का उत्पादन करते हैं। तो उस क्षेत्रक को प्राथमिक क्षेत्र कहा जाता है। इसे प्राथमिक क्षेत्रक इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यह उन सभी उत्पादों का आधार है, जिसे हम बाद में निर्मित करते हैं। जैसे- कृषि क्रियाकलाप, मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी, वन उत्पाद, इत्यादि। इस क्षेत्रक को कृषि एवं सहायक क्षेत्रक भी कहा जाता है

(2) द्वितीयक क्षेत्रक:- पदार्थों को परिवर्तित एवं संशोधित करके उन्हें अधिक उपयोगी और मूल्यवान बनाने की प्रक्रिया को विनिर्माण कहां जाता है। प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को ग्रहण करके जो विनिर्माण अर्थात उत्पादन कार्य किया जाता है। उसे द्वितीय क्षेत्रक की गतिविधि या क्रियाकलाप का कहा जाता है। जैसे- कपास या जूट के पौधे से सूत्त या सन निकालना, इस सुत या सन से कपड़ा या बोरा बनाना, गन्ने से गुड़ या चीनी बनाना, इस्पात से मोटर गाड़ी का निर्माण, लकड़ी या बांस से कागज बनाना, इत्यादि। चूंकि इस क्षेत्रक में विनिर्माण का कार्य औद्योगिक स्तर पर किया जाता है। इस कारण इस क्षेत्र को विनिर्माण क्षेत्रक या औद्योगिक क्षेत्रक भी कहा जाता है

(3) तृतीयक क्षेत्र:- तृतीय क्षेत्र की गतिविधियां प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र से भिन्न होती है। तृतीयक क्षेत्रक के क्रियाकलाप से किसी भी प्रकार की वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन नहीं होता, बल्कि तृतीयक क्षेत्रक, प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधियों में मदद करता है। सहायता करता है। जैसे:-कृषि उत्पादों चावल, गेहूं, फल, सब्जियों को मंडी तक यातायात साधन ट्रक, ट्रैक्टर, ट्रेन, आदि की सहायता से पहुंचाया जाता है। ये यातायात के साधन ट्रक, ट्रैक्टर, ट्रेन आदि तृतीय क्षेत्र की गतिविधि कहलाएंगे।

उत्पादन एवं बिक्री में सहयोग के लिए टेलीफोन पर दूसरों से बात करना, कृषि या व्यवस्था के लिए बैंकों से कर्ज लेना, शीतगृह आदि क्रियाकलाप तृतीय क्षेत्रक की गतिविधि के अंतर्गत आता है। चूंकि इसके अंतर्गत वस्तुओं के स्थान पर सेवाओं का सृजन किया जाता है इस कारण इस क्षेत्रक को सेवा क्षेत्र भी कहा जाता है।
⭐ इस चैप्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक का यदि वीडियो देखना चाहते हैं तो चैनल को subscribe kar le

तृतीयक क्षेत्रक अन्य दो क्षेत्रकों को (प्राथमिक और द्वितीयक) को कैसे मदद करता है?

तृतीयक क्षेत्र के क्रियाकलाप से किसी भी प्रकार के वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता, बल्कि यह प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक को मदद करता है। इस कारण तृतीयक क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक के रूप में भी जाना जाता है।

आइए कुछ उदाहरणों से समझने का प्रयास करते हैं कि तृतीयक क्षेत्रक प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक को कैसे मदद करता है।

प्राथमिक क्षेत्र को मदद:- प्राथमिक क्षेत्रक के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित क्रियाकलाप होता है। जैसे- कृषि, खनन, पशुपालन इत्यादि। कृषि उत्पादों को बाजारों तक बिक्री के लिए मोटर गाड़ियों की सहायता लेना जाना पड़ता है। यातायात साधन के रूप में मोटर गाड़ी तृतीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस प्रकार द्वितीयक क्षेत्रक यातायात साधन के रूप में प्राथमिक क्षेत्रक कृषि को मदद करता हैं।

द्वितीयक क्षेत्रक को मदद:- द्वितीयक क्षेत्रक के अंतर्गत प्राथमिक उत्पादों को पुनः निर्मित कर मूल्यवान वस्तुओं में परिवर्तित किया जाता है। इसके अंतर्गत सभी तरह के उद्योग-धंधों तथा निर्माण से संबंधित सभी क्रियाकलापों को शामिल किया जाता है। उद्योग-धंधों को आगे बढ़ाने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। और ये पूंजी की व्यवस्था कर्ज के रूप में बैंकों से प्राप्त होती हैं। बैंक तृतीयक क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस तरह तृतीयक क्षेत्रक के अन्तर्गत शामिल बैंक द्वितीयक क्षेत्रक उद्योग-धंधों को ऋण के रूप में मदद करता है

Не удается загрузить Youtube-плеер. Проверьте блокировку Youtube в вашей сети.
Повторяем попытку...
Chapter 2 class 10th अर्थशास्त्र भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक ।। कितने है।।

Поделиться в:

Доступные форматы для скачивания:

Скачать видео

  • Информация по загрузке:

Скачать аудио

Похожие видео

© 2025 ycliper. Все права защищены.



  • Контакты
  • О нас
  • Политика конфиденциальности



Контакты для правообладателей: [email protected]